अब विदेश में रहकर भी चलेगा UPI! इंटरनेशनल नंबर से पेमेंट की शुरुआत

अगर आप भारत से बाहर रहते हैं और अब तक UPI पेमेंट करने के लिए भारतीय सिम की आवश्यकता के कारण परेशान रहते थे, तो अब यह चिंता खत्म होने वाली है। IDFC First Bank ने अपने एनआरई (NRE) और एनआरओ (NRO) अकाउंट होल्डर्स के लिए एक

EDITED BY: Kamlesh Sharma

UPDATED: Monday, July 7, 2025

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अगर आप भारत से बाहर रहते हैं और अब तक UPI पेमेंट करने के लिए भारतीय सिम की आवश्यकता के कारण परेशान रहते थे, तो अब यह चिंता खत्म होने वाली है। IDFC First Bank ने अपने एनआरई (NRE) और एनआरओ (NRO) अकाउंट होल्डर्स के लिए एक नई सेवा शुरू की है

जिससे वे विदेश में रहकर भी अपने इंटरनेशनल मोबाइल नंबर से भारत में UPI पेमेंट कर सकेंगे। यह सुविधा पूरी तरह से सुरक्षित, सरल और बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के उपलब्ध है, जिससे लाखों एनआरआई ग्राहकों को राहत मिलेगी।


विदेशी नंबर से भी संभव हुआ UPI ट्रांजैक्शन


UPI यानी यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस, भारत की सबसे लोकप्रिय और तेज़ डिजिटल पेमेंट प्रणाली बन चुकी है। अब तक यह सेवा केवल भारतीय मोबाइल नंबर से ही लिंक होकर इस्तेमाल की जा सकती थी। लेकिन IDFC First Bank की नई पहल ने इस बाधा को तोड़ दिया है।

अब भारत में किसी को पैसे भेजने, बिल भरने या ऑनलाइन शॉपिंग करने के लिए भारतीय सिम कार्ड की जरूरत नहीं होगी। बैंक ने एक तकनीकी अपग्रेड के जरिए यह सुविधा शुरू की है, जिससे ग्राहक अपने विदेशी नंबर से सीधे UPI ID बनाकर लेन-देन कर सकते हैं।


इन 12 देशों के एनआरआई उठा सकेंगे लाभ

इस सुविधा का लाभ अभी शुरुआत में 12 देशों के IDFC First Bank के कस्टमर्स को मिलेगा। ये देश हैं –

ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, फ्रांस, हॉन्गकॉन्ग, मलेशिया, ओमान, कतर, सऊदी अरब, सिंगापुर, यूएई, यूके और अमेरिका। अगर आप इनमें से किसी देश में रहते हैं और आपके पास IDFC First Bank में NRE या NRO खाता है, तो अब आप वहीं से बैठे-बैठे भारत में UPI ट्रांजैक्शन कर सकते हैं।

खास बात यह है कि इसके लिए किसी अतिरिक्त इंटरनेशनल ट्रांजैक्शन चार्ज की जरूरत नहीं होगी, बशर्ते भुगतान केवल भारत के भीतर ही हो।


बिना भारतीय सिम, अब Google Pay, PhonePe जैसे ऐप्स से पेमेंट संभव


अब आप Google Pay, PhonePe, Paytm जैसे किसी भी UPI ऐप से आसानी से भुगतान कर सकते हैं। अंतर सिर्फ इतना है कि अब आपको भारतीय सिम की जरूरत नहीं होगी। आप अपने उसी इंटरनेशनल नंबर का इस्तेमाल कर सकते हैं

जिस पर आपके बैंक अकाउंट से जुड़ा OTP आता है या जो आपने KYC के समय दिया है। यह सुविधा खासतौर पर उन एनआरआई के लिए बेहद उपयोगी है जो अपने परिवार, रिश्तेदारों, घरेलू बिलों या भारत में शॉपिंग की जरूरतों के लिए डिजिटल भुगतान करना चाहते हैं।


सेवा को शुरू करने के लिए अपनाएं आसान 3 स्टेप्स

इस सुविधा को एक्टिवेट करना बेहद आसान है। इसके लिए ग्राहकों को केवल तीन स्टेप्स फॉलो करने होंगे- 

सबसे पहले IDFC First Bank के मोबाइल ऐप में लॉग इन करें और “Pay” ऑप्शन पर क्लिक करें।

इसके बाद अपना NRE/NRO बैंक अकाउंट UPI से लिंक करें।

फिर एक नई UPI ID बनाएं और ट्रांजैक्शन करना शुरू करें।

एक बार यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद ग्राहक अपनी इच्छानुसार किसी को भी QR कोड, मोबाइल नंबर या UPI ID के माध्यम से पैसा भेज सकते हैं या भुगतान स्वीकार कर सकते हैं।


सेवा पूरी तरह सुरक्षित और भारतीय रेगुलेशन के अनुरूप


IDFC First Bank ने यह भी सुनिश्चित किया है कि यह सेवा भारत के मौजूदा UPI सिस्टम जितनी ही सिक्योर और भरोसेमंद होगी। सभी लेन-देन भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) की गाइडलाइन्स के अनुरूप किए जाएंगे।

बैंक का कहना है कि सभी ट्रांजैक्शन केवल भारतीय व्यापारियों या व्यक्तियों के साथ ही मान्य होंगे, जिससे फॉरेन एक्सचेंज रेगुलेशंस का उल्लंघन न हो और ग्राहकों को अतिरिक्त चार्जेज का सामना न करना पड़े।


UPI का दायरा बढ़ा, एनआरआई कनेक्टिविटी हुई और आसान


IDFC First Bank की इस सुविधा ने ना केवल डिजिटल भुगतान को और आसान बना दिया है, बल्कि भारत से बाहर बसे लाखों भारतीयों को सीधे अपने देश से जोड़े रखने का एक सशक्त माध्यम भी उपलब्ध कराया है।

इससे पहले एनआरआई को भारत में पैसा भेजने के लिए नेट बैंकिंग या वॉलेट आधारित सिस्टम का इस्तेमाल करना होता था, जो अक्सर जटिल और चार्जेबल होते थे। अब, एक आसान UPI ID बनाकर वे उसी सुविधा का लाभ उठा सकते हैं, जैसा भारत में रहने वाले लोग उठाते हैं।


NRI अब बिना परेशानी कर सकेंगे उपभोग


DFC First Bank की इस पहल ने डिजिटल इंडिया को वैश्विक स्तर पर विस्तार देने का रास्ता खोल दिया है। एनआरआई अब बिना किसी झंझट के, बिना भारतीय सिम कार्ड के और बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के भारत में UPI पेमेंट कर सकते हैं।

यह सुविधा डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में एक नया मील का पत्थर साबित होगी और अन्य बैंकों को भी इससे प्रेरणा मिलेगी। आने वाले समय में इस तरह की तकनीकी पहलें न केवल एनआरआई ग्राहकों के लिए बल्कि भारत के डिजिटल विकास के लिए भी एक बड़ी ताकत बनेंगी।

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