देशभर में करोड़ों यात्रियों के लिए ट्रेन यात्रा 1 जुलाई 2025 से थोड़ा महंगा होने जा रहा है। भारतीय रेलवे ने वर्षों बाद एक बार फिर पैसेंजर, मेल-एक्सप्रेस और एसी ट्रेनों के किराए में मामूली बढ़ोतरी की घोषणा की है। इसके साथ ही तत्काल टिकट बुकिंग को लेकर भी एक अहम बदलाव किया गया है
जिसमें अब आधार आधारित वेरिफिकेशन और OTP ऑथेंटिकेशन को अनिवार्य कर दिया गया है। रेलवे मंत्रालय का मानना है कि ये फैसले सेवा की गुणवत्ता को सुधारने, बुकिंग प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने और एजेंटों की धांधली पर रोक लगाने के लिए आवश्यक हैं।
मामूली किराया बढ़ोतरी, लेकिन असर व्यापक
रेलवे मंत्रालय की ओर से 10 जून 2025 को जारी अधिसूचना के अनुसार, ये नए नियम 1 जुलाई 2025 से प्रभावी होंगे। किराए की बात करें तो नॉन-एसी मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों में अब प्रति किलोमीटर 1 पैसा अतिरिक्त किराया देना होगा।
उदाहरण के तौर पर, 100 किलोमीटर की यात्रा करने पर यात्री को अब 1 रुपये ज्यादा चुकाना होगा। हालांकि यह वृद्धि सुनने में मामूली लग सकती है, लेकिन भारतीय रेलवे में रोजाना यात्रा करने वाले लाखों लोगों के लिए इसका असर आर्थिक रूप से महसूस किया जाएगा।
एसी यात्रियों की जेब पर भी बढ़ेगा बोझ
केवल सामान्य श्रेणी के यात्री ही नहीं, बल्कि एसी क्लास में सफर करने वाले यात्रियों के लिए भी किराया बढ़ा दिया गया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, एसी डिब्बों में अब हर किलोमीटर के लिए 2 पैसे अतिरिक्त वसूले जाएंगे।
यह वृद्धि खासकर लंबी दूरी की यात्रा करने वालों के लिए अधिक मायने रखती है, क्योंकि कुल दूरी बढ़ने के साथ ही अतिरिक्त किराए की राशि भी बढ़ेगी। रेलवे का कहना है कि किराए में यह वृद्धि नेटवर्क के रखरखाव, सेवाओं के उन्नयन और यात्री सुविधाओं में सुधार के लिए की गई है।
तत्काल टिकट बुकिंग होगी अब और सख्त
रेलवे ने तत्काल टिकटों की बुकिंग प्रक्रिया को अधिक सुरक्षित और पारदर्शी बनाने के लिए आधार वेरिफिकेशन को अनिवार्य कर दिया है। 1 जुलाई 2025 से तत्काल टिकट सिर्फ उन्हीं यात्रियों के लिए बुक किए जा सकेंगे, जिनका IRCTC खाता आधार नंबर से लिंक और वेरिफाई किया गया होगा।
रेलवे की मंशा है कि इस बदलाव से फर्जी बुकिंग और एजेंटों द्वारा किए जाने वाले दुरुपयोग पर लगाम लगाई जा सके।आधार आधारित प्रणाली से यात्रियों की पहचान सुनिश्चित होगी और टिकट वितरण की प्रक्रिया अधिक पारदर्शी बन सकेगी।
इसके अलावा यह भी तय किया गया है कि अब तत्काल टिकट केवल IRCTC की आधिकारिक वेबसाइट या मोबाइल ऐप से ही बुक किए जा सकेंगे, जिससे निजी एजेंटों की भूमिका सीमित हो जाएगी।
OTP वेरिफिकेशन से बढ़ेगी सुरक्षा
रेलवे ने 1 जुलाई के बाद एक और बड़ा कदम उठाते हुए घोषणा की है कि 15 जुलाई 2025 से तत्काल टिकट बुक करते समय आधार आधारित OTP वेरिफिकेशन भी अनिवार्य कर दिया जाएगा। इसका मतलब यह है कि टिकट बुकिंग के दौरान उस मोबाइल नंबर पर एक OTP भेजा जाएगा, जो आधार से लिंक है।
OTP दर्ज किए बिना बुकिंग प्रक्रिया पूरी नहीं होगी। यह व्यवस्था खासतौर पर उन मामलों में मददगार होगी जहां टिकट दलाल फर्जी आईडी या गलत जानकारी के आधार पर बुकिंग कर लेते थे।
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि OTP आधारित ऑथेंटिकेशन से बुकिंग प्रक्रिया को दोहरा सुरक्षा कवच मिलेगा और फर्जीवाड़ा करने वालों के लिए यह रास्ता लगभग बंद हो जाएगा।
यात्रियों की मिली-जुली प्रतिक्रिया
इन परिवर्तनों को लेकर यात्रियों की प्रतिक्रियाएं भी सामने आने लगी हैं। कई यात्रियों का मानना है कि किराए में की गई मामूली बढ़ोतरी स्वीकार्य है, बशर्ते सेवा की गुणवत्ता में सुधार दिखे। वहीं कुछ लोगों ने OTP आधारित बुकिंग प्रक्रिया को थोड़ी जटिल बताया है
खासकर उन यात्रियों के लिए जो तकनीक में पारंगत नहीं हैं या जिनका आधार रजिस्ट्रेशन अपडेट नहीं है। हालांकि रेलवे का कहना है कि यह बदलाव यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा के लिए ही है, और शुरुआती दिक्कतों के बाद लोग इसके आदी हो जाएंगे।
पारदर्शिता और सेवा सुधार की दिशा में बड़ा कदम
रेलवे मंत्रालय का कहना है कि ये सारे बदलाव भारतीय रेल को अधिक आधुनिक, सुरक्षित और जनोन्मुखी बनाने की दिशा में उठाया गया एक अहम कदम हैं। किराया वृद्धि से रेलवे को अपनी सेवाओं में सुधार और ढांचागत विकास में निवेश करने में मदद मिलेगी।
वहीं आधार आधारित बुकिंग से उन लाखों यात्रियों को लाभ मिलेगा जो बिना किसी एजेंट के स्वयं टिकट बुक करना चाहते हैं।
यात्रियों के लिए सलाह
रेलवे ने सभी यात्रियों से अपील की है कि वे 1 जुलाई 2025 से पहले अपने IRCTC अकाउंट को आधार से वेरिफाई कर लें और टिकट बुकिंग के समय अपना रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर चालू स्थिति में रखें, ताकि OTP आधारित प्रक्रिया में कोई दिक्कत न आए।
साथ ही लंबी दूरी की यात्रा की योजना समय रहते बना लें, ताकि टिकट बुकिंग में कोई असुविधा न हो।इन छोटे लेकिन असरदार बदलावों के जरिए भारतीय रेलवे डिजिटल, पारदर्शी और यात्रियों के अनुकूल परिवहन सेवा की ओर एक और कदम बढ़ा रहा है।