टैक्स छूट में फर्जीवाड़ा! आयकर विभाग का बड़ा एक्शन — 7 राज्यों में एक साथ ताबड़तोड़ छापेमारी

आयकर विभाग ने देशभर में टैक्स में छूट के नाम पर किए जा रहे फर्जी दावों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। इस कार्रवाई में राजस्थान, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, दिल्ली, गुजरात, पंजाब और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में एक साथ 150 से अधिक स्थानों पर छापेमारी की गई।

EDITED BY: Kamlesh Sharma

UPDATED: Tuesday, July 15, 2025

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आयकर विभाग ने देशभर में टैक्स में छूट के नाम पर किए जा रहे फर्जी दावों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। इस कार्रवाई में राजस्थान, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, दिल्ली, गुजरात, पंजाब और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में एक साथ 150 से अधिक स्थानों पर छापेमारी की गई।

विभाग ने अपने डेटा एनालिटिक्स सिस्टम के जरिए एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा किया, जिसमें टैक्स बचाने के नाम पर झूठे दावे कर इनकम टैक्स अधिनियम की विभिन्न धाराओं का दुरुपयोग किया गया।


राजस्थान में भी कई ठिकानों पर मारे गए छापे


राजस्थान में यह कार्रवाई जयपुर, कोटा, अजमेर, भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़ जैसे शहरों में की गई। आयकर विभाग की टीमें विशेष रूप से उन टैक्स प्रेपरेशन एजेंटों और दलालों पर केंद्रित रहीं जो वेतनभोगी कर्मचारियों, शिक्षकों, पीएसयू कर्मचारियों और प्राइवेट सेक्टर के लोगों के नाम से फर्जी टैक्स क्लेम दाखिल कर रहे थे। ये एजेंट लोगों को टैक्स में छूट दिलाने के नाम पर झूठे दस्तावेज तैयार करते और मोटी रकम वसूलते थे।


धारा 80 GGC के नाम पर हो रही थी गड़बड़ी


छापेमारी के दौरान यह भी सामने आया कि फर्जी टैक्स छूट के लिए राजनीतिक दलों को किए गए डोनेशन का झूठा उल्लेख किया जा रहा था। इनकम टैक्स अधिनियम की धारा 80 GGC के तहत किसी राजनीतिक दल को चंदा देने पर टैक्स में छूट मिलती है।

लेकिन कई मामलों में यह चंदा न तो वास्तव में दिया गया था और न ही उसका कोई वैध स्रोत था। केवल कागजों में डोनेशन दर्शाकर टैक्स की बड़ी राशि से बचा जा रहा था।

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डेटा एनालिटिक्स से मिला सुराग, चौंक गए अधिकारी


आयकर विभाग के अधिकारियों को जब विभागीय डेटा एनालिटिक्स सिस्टम से यह जानकारी मिली कि एक ही प्रकार की कटौतियों और डोनेशन की प्रविष्टियां सैकड़ों मामलों में दिखाई दे रही हैं, तो उन्होंने इसकी गहन जांच शुरू की।

सिस्टम के जरिए यह पता चला कि यह कोई इक्का-दुक्का मामला नहीं, बल्कि एक संगठित नेटवर्क द्वारा संचालित किया जा रहा बड़ा फर्जीवाड़ा है। इसके बाद पूरे देश में एक साथ छापेमारी की योजना बनाई गई।


150 से अधिक स्थानों पर कार्रवाई, बरामद हुए डिजिटल सबूत


इस बड़े ऑपरेशन के तहत देशभर में 150 से अधिक स्थानों पर आयकर विभाग ने छापेमारी की। इनमें टैक्स एजेंट्स के दफ्तर, दलालों के घर, फाइनेंशियल सलाहकारों के प्रतिष्ठान और कुछ संस्थाओं के कार्यालय शामिल हैं।

इस कार्रवाई में कई कंप्यूटर, लैपटॉप, हार्डड्राइव्स, पेन ड्राइव और मोबाइल डिवाइस बरामद किए गए हैं। इन सभी डिजिटल सबूतों को जांच के लिए भेजा गया है। अधिकारियों का मानना है कि इन डिवाइस की फॉरेंसिक जांच के बाद फर्जीवाड़े के और बड़े नेटवर्क का खुलासा हो सकता है।


संगठित नेटवर्क से जुड़ा हो सकता है मामला


प्राथमिक जांच में संकेत मिले हैं कि टैक्स छूट के लिए किए जा रहे झूठे क्लेम केवल स्थानीय स्तर पर नहीं, बल्कि देशभर में फैले किसी संगठित नेटवर्क से जुड़े हो सकते हैं।

यह नेटवर्क विभिन्न राज्यों में एजेंटों और दलालों के जरिए लोगों को आसान टैक्स सेविंग के नाम पर आकर्षित करता था और फिर उनके नाम से फर्जी दस्तावेज तैयार कर देता था। बदले में कमीशन के तौर पर मोटी रकम वसूली जाती थी। इस पूरी प्रक्रिया में करदाता को भी झूठे दस्तावेजों के सहारे गैरकानूनी लाभ मिलता था।


जांच के घेरे में आए सैकड़ों ITR क्लेम


आयकर विभाग ने उन सभी आयकर रिटर्न (ITR) की दोबारा जांच शुरू कर दी है, जिनमें एक जैसे क्लेम और छूट की प्रविष्टियां दर्ज की गई थीं। अधिकारियों का कहना है कि प्रारंभिक अनुमान के अनुसार ऐसे सैकड़ों फर्जी रिटर्न सामने आ सकते हैं, जिनमें गलत जानकारियों के आधार पर टैक्स में छूट हासिल की गई है।

अगर यह साबित होता है कि करदाता जानबूझकर फर्जी जानकारी देकर टैक्स बचा रहे थे, तो उन पर जुर्माना और कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।


आम लोगों को भी चेतावनी


आईटी विभाग ने आम लोगों को भी चेतावनी दी है कि वे टैक्स प्रेपरेशन एजेंटों के बहकावे में न आएं। अगर कोई एजेंट झूठे डोनेशन या फर्जी खर्च दिखाकर टैक्स बचाने का वादा करता है, तो यह गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है। करदाता को न केवल टैक्स रिफंड वापस करना होगा, बल्कि उस पर भारी जुर्माना और सजा भी हो सकती है।


टैक्स सिस्टम को चकमा


आयकर विभाग की इस कार्रवाई से यह स्पष्ट हो गया है कि टैक्स सिस्टम को चकमा देने की कोशिश अब आसान नहीं रही। फर्जी टैक्स छूट और रिटर्न को लेकर सरकार सख्त हो चुकी है और तकनीक के सहारे ऐसे मामलों पर नजर रखी जा रही है। आने वाले दिनों में इस छापेमारी से जुड़े और भी बड़े खुलासे संभव हैं, जो टैक्स से बचने के लालच में फंसे लोगों को सबक सिखाएंगे।