रेगिस्तान से दुर्गों तक गूंजा ‘योग मंत्र’: राजस्थान ने रचा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर इतिहास

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 पर राजस्थान ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है। इस बार न केवल पंजीकरण के मामले में बल्कि आयोजन की भव्यता और सांस्कृतिक विविधता में भी राजस्थान पूरे देश में अव्वल रहा। भारत सरकार के आयुष मंत्रालय द्वारा संचालित ‘आयुष्मान योगा संपर्क

EDITED BY: Kamlesh Sharma

UPDATED: Saturday, June 21, 2025

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अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 पर राजस्थान ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है। इस बार न केवल पंजीकरण के मामले में बल्कि आयोजन की भव्यता और सांस्कृतिक विविधता में भी राजस्थान पूरे देश में अव्वल रहा। भारत सरकार के आयुष मंत्रालय द्वारा संचालित ‘आयुष्मान योगा संपर्क पोर्टल’ पर राजस्थान ने 2,25,157 स्थानों पर योग शिविरों के पंजीकरण के साथ देशभर में पहला स्थान हासिल किया। यह उपलब्धि न केवल प्रशासनिक दक्षता को दर्शाती है, बल्कि राज्य के लोगों की योग के प्रति जागरूकता और भागीदारी की भावना को भी उजागर करती है।

सीएम भजनलाल शर्मा ने रेगिस्तान में किया योगाभ्यास

राज्य स्तरीय मुख्य कार्यक्रम जैसलमेर के खुहड़ी सैंड ड्यून्स, धोबा में आयोजित हुआ जहां मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने स्थानीय नागरिकों, जवानों और छात्रों के साथ योगाभ्यास किया। यह स्थल न केवल राज्य की सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक है, बल्कि योग को प्रकृति से जोड़ने का एक प्रभावशाली उदाहरण भी बना। उन्होंने अपने संबोधन में योग को “जीवन में संतुलन और आत्मिक शांति का मार्ग” बताया।

दीया कुमारी ने सिटी पैलेस में की अगुवाई

राजधानी जयपुर में डिप्टी सीएम दीया कुमारी ने सिटी पैलेस परिसर में आयोजित योग शिविर का नेतृत्व किया। इस भव्य और ऐतिहासिक धरोहर में आयोजित योग अभ्यास कार्यक्रम में बड़ी संख्या में नागरिक, छात्र, कलाकार और अधिकारियों ने हिस्सा लिया। सिटी पैलेस की पृष्ठभूमि में योग का दृश्य दर्शनीय और प्रेरणादायक रहा।

राजस्थान की ऐतिहासिक और धार्मिक धरोहरें बनीं योग की साक्षी

इस बार राजस्थान सरकार ने योग शिविरों को केवल मैदानों और संस्थानों तक सीमित नहीं रखा, बल्कि राज्य की ऐतिहासिक, धार्मिक और प्राकृतिक धरोहरों पर भी योग कार्यक्रम आयोजित कर एक सांस्कृतिक संदेश दिया। जयपुर में आमेर फोर्ट, हवामहल, अल्बर्ट हॉल, और गोविंद देव जी मंदिर, जोधपुर के मेहरानगढ़ किले, उदयपुर की झीलों के किनारे, और जैसलमेर के रेतीले धोरे भी योग दिवस के आयोजन का हिस्सा बने। इन स्थलों पर पर्यटकों और स्थानीय नागरिकों ने मिलकर योगाभ्यास किया, जिससे इन स्थानों की आध्यात्मिक ऊर्जा को एक नई दिशा मिली

देश में सबसे ज्यादा पंजीकरण कर राजस्थान ने फिर मारी बाज़ी

आयुष्मान योगा संपर्क पोर्टल पर पंजीकरण में राजस्थान सबसे आगे रहा, जहां 2,25,157 से अधिक पंजीकरण कर राज्य ने योग को जन-जन तक पहुंचाने में नई मिसाल कायम की। इसमें सरकारी संगठनों, शैक्षणिक संस्थानों, गैर-सरकारी संगठनों, निवासी कल्याण संघों (RWA), और सामुदायिक समूहों की बड़ी भागीदारी रही। यह भागीदारी दर्शाती है कि राजस्थान के नागरिक योग को केवल एक शारीरिक व्यायाम नहीं, बल्कि जीवनशैली के रूप में अपना रहे हैं।

गांव-ढाणी से लेकर किले-महल तक फैला योग का जादू

इस बार योग दिवस केवल शहरी केंद्रों तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि ग्राम पंचायतों, स्कूलों, महाविद्यालयों, आयुष्मान आरोग्य मंदिरों और सरकारी संस्थानों में भी भव्य आयोजन हुए। दौसा के मेहंदीपुर बालाजी, सीकर के खाटूश्यामजी, चित्तौड़गढ़ के सांवरिया सेठ मंदिर, कोटा के चंबल रिवर फ्रंट, पाली के रणकपुर जैन मंदिर और डूंगरपुर के बेणेश्वर धाम जैसे स्थानों पर योगाभ्यास शिविरों ने धार्मिक आस्था को स्वस्थ जीवन शैली के साथ जोड़ा।

पर्यटन को भी मिला बढ़ावा, सांस्कृतिक संदेश मजबूत हुआ

इन आयोजनों से न केवल योग को बढ़ावा मिला बल्कि राजस्थान के पर्यटन स्थलों को भी वैश्विक मंच पर नई पहचान मिली है। विदेशी पर्यटकों ने भी इन आयोजनों में भागीदारी की और भारतीय योग परंपरा से प्रत्यक्ष परिचय प्राप्त किया। इससे राज्य के पर्यटन और सांस्कृतिक छवि को मजबूती मिली है।

योग से जोड़ी राजस्थान की पहचान

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर राजस्थान ने जो भव्यता, संगठन और जागरूकता दिखाई, वह प्रशंसनीय है। यह केवल एक दिन का आयोजन नहीं रहा, बल्कि एक सांस्कृतिक अभियान बनकर सामने आया। राज्य सरकार ने योग को आध्यात्मिक, भौगोलिक और सांस्कृतिक रूप से एक नई ऊंचाई दी है। इस आयोजन ने सिद्ध कर दिया कि राजस्थान न केवल संस्कृति और परंपराओं का गढ़ है, बल्कि योग जैसे वैश्विक अभियान में भी अग्रणी भूमिका निभाने को तैयार है।