राजस्थान SI भर्ती रद्द नहीं होगी! हाईकोर्ट में सरकार का साफ जवाब, विपक्ष ने फिर खोला मोर्चा

राजस्थान की बहुप्रतीक्षित और विवादों में घिरी सब-इंस्पेक्टर (SI) भर्ती परीक्षा 2021 को लेकर आखिरकार राज्य सरकार ने अपना स्पष्ट रुख अदालत में पेश कर दिया है। जयपुर स्थित राजस्थान हाईकोर्ट में मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से कहा गया कि परीक्षा रद्द

EDITED BY: Kamlesh Sharma

UPDATED: Thursday, July 3, 2025

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राजस्थान की बहुप्रतीक्षित और विवादों में घिरी सब-इंस्पेक्टर (SI) भर्ती परीक्षा 2021 को लेकर आखिरकार राज्य सरकार ने अपना स्पष्ट रुख अदालत में पेश कर दिया है। जयपुर स्थित राजस्थान हाईकोर्ट में मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से कहा गया कि परीक्षा रद्द नहीं की जाएगी, क्योंकि जांच प्रक्रिया अब भी जारी है।

इस रुख के सामने आते ही जहां एक ओर अभ्यर्थियों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है, वहीं दूसरी ओर सियासत फिर से गरमा गई है।


SIT की जांच का हवाला, परीक्षा रद्द करने से इनकार


राजस्थान हाई कोर्ट में जस्टिस समीर जैन की एकल पीठ में मंगलवार को इस मामले पर सुनवाई हुई। राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता राजेंद्र प्रसाद ने पक्ष रखते हुए अदालत को बताया कि परीक्षा को लेकर SIT की जांच पूरी सक्रियता के साथ चल रही है और अब तक कई महत्वपूर्ण सुराग और तथ्य सामने आए हैं।

ऐसे में पूरी परीक्षा को संदेह के घेरे में डालना उचित नहीं होगा। सरकार का यह भी कहना है कि चयनित अभ्यर्थियों में से कई फिलहाल प्रशिक्षण ले रहे हैं, और अगर पूरी परीक्षा रद्द कर दी जाती है, तो यह उनके भविष्य के साथ अन्याय होगा। इस आधार पर सरकार ने हाईकोर्ट में यह स्पष्ट कर दिया कि परीक्षा को रद्द करने की कोई योजना नहीं है।


सब कमेटी की रिपोर्ट: परीक्षा रद्द न हो


अदालत में पेश की गई जानकारी के अनुसार, राज्य सरकार द्वारा गठित एक सब कमेटी ने भी परीक्षा को रद्द न करने का सुझाव दिया है। इस रिपोर्ट को आधार बनाकर ही सरकार ने अपना लिखित पक्ष अदालत के समक्ष रखा है। अब इस पूरे मामले की अगली सुनवाई 7 जुलाई 2025 को होगी।


अभ्यर्थियों की मांग: SIT रिपोर्ट हो सार्वजनिक


राज्य सरकार के इस रुख के बाद उन अभ्यर्थियों में भारी नाराजगी देखी जा रही है, जो परीक्षा रद्द करवाने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि जब तक SIT की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की जाती, तब तक परीक्षा को वैध मानना जल्दबाजी होगी।

अभ्यर्थियों ने मांग की है कि सरकार पारदर्शिता बरते और रिपोर्ट को आम जनता के सामने रखे ताकि यह तय किया जा सके कि गड़बड़ियां किस स्तर तक हुईं।


सांसद हनुमान बेनीवाल का ऐलान: अब दिल्ली कूच


इस बीच राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के नेता और नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल ने आंदोलन को और तेज करने की घोषणा की है। वे पिछले दो महीने से इस परीक्षा को रद्द करवाने की मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं।

मंगलवार को सरकार का पक्ष सामने आने के बाद उन्होंने साफ चेतावनी दी कि यदि जल्द ही परीक्षा रद्द नहीं की गई तो वे दिल्ली कूच करेंगे और बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे। हनुमान बेनीवाल का कहना है कि भर्ती में भारी धांधली हुई है और सरकार परीक्षा को रद्द कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे।

उनके समर्थकों ने सरकार के इस निर्णय के विरोध में प्रदेश के कई हिस्सों में प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं।


सियासत में उबाल, सरकार के फैसले पर निगाहें


राज्य सरकार द्वारा भर्ती परीक्षा को रद्द न करने का निर्णय एक ओर जहां चयनित अभ्यर्थियों के लिए राहत की खबर है, वहीं दूसरी ओर यह राजनीतिक और सामाजिक विवाद का रूप ले चुका है। विपक्षी दलों ने भी इस मुद्दे पर सरकार को घेरना शुरू कर दिया है।


निगाह सुनवाई पर टिकी हैं


अब सबकी निगाह सुनवाई पर टिकी हैं, जहां अदालत यह देखेगी कि SIT की जांच और सरकार के तर्क कितने संतोषजनक हैं। वहीं प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों और नेताओं के अगले कदम भी राज्य की राजनीति की दिशा तय कर सकते हैं।

इस पूरे घटनाक्रम ने स्पष्ट कर दिया है कि राजस्थान की SI भर्ती परीक्षा न सिर्फ एक शैक्षणिक प्रक्रिया, बल्कि एक राजनीतिक मुद्दा भी बन चुकी है, जिसका असर आने वाले समय में चुनावी समीकरणों पर भी पड़ सकता है।