“Rajasthan: दो साइंस टीचर निकले ड्रग्स माफिया, 15 करोड़ की हाईटेक लैब से हुआ पर्दाफाश”

राजस्थान के श्रीगंगानगर में ड्रग सिंडिकेट के खिलाफ नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) की बड़ी कार्रवाई ने पूरे राज्य में हड़कंप मचा दिया है। यह मामला इसलिए और चौंकाने वाला है क्योंकि इस पूरे ड्रग रैकेट को संचालित कर रहे थे दो विज्ञान शिक्षक, जो खुद स्कूल में

EDITED BY: Kamlesh Sharma

UPDATED: Wednesday, July 9, 2025

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राजस्थान के श्रीगंगानगर में ड्रग सिंडिकेट के खिलाफ नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) की बड़ी कार्रवाई ने पूरे राज्य में हड़कंप मचा दिया है। यह मामला इसलिए और चौंकाने वाला है क्योंकि इस पूरे ड्रग रैकेट को संचालित कर रहे थे दो विज्ञान शिक्षक, जो खुद स्कूल में पढ़ाते थे।

इन शिक्षकों ने न केवल अपने पेशे को कलंकित किया, बल्कि पिछले ढाई महीनों में लगभग 15 करोड़ रुपये की खतरनाक मेफेड्रोन (एमडी) ड्रग्स तैयार कर बाजार में सप्लाई भी कर दी।


फ्लैट में छापेमारी से खुला रैकेट


NCB जोधपुर जोनल यूनिट के डायरेक्टर घनश्याम सोनी के नेतृत्व में यह कार्रवाई श्रीगंगानगर के रिद्धि-सिद्धि एनक्लेव स्थित ड्रीम होम्स अपार्टमेंट में की गई। एजेंसी को गुप्त सूचना मिली थी कि एक फ्लैट में एमडी ड्रग्स बनाने की हाईटेक लैब चलाई जा रही है।

टीम ने जब छापा मारा तो वहां से 780 ग्राम तैयार एमडी ड्रग्स, बड़ी मात्रा में रसायन और उन्नत तकनीकी उपकरण बरामद किए गए। जब्त की गई ड्रग्स की कीमत करीब 2.34 करोड़ रुपये आंकी गई है, जबकि अब तक यह रैकेट लगभग 5 किलो एमडी बना चुका था।


स्कूल की छुट्टियों में करते थे ड्रग्स का निर्माण


जांच में सबसे चौंकाने वाली बात यह सामने आई कि दोनों आरोपी शिक्षक सप्ताह के अंत में—शनिवार और रविवार को स्कूल की छुट्टी लेकर फ्लैट में आकर ड्रग्स तैयार करते थे। यह काम इतने गुप्त तरीके से चल रहा था कि आसपास के लोगों को भी इसकी भनक नहीं लगी।

स्कूल में काम करते हुए भी इन शिक्षकों ने अवकाश लेकर ड्रग्स निर्माण को अंजाम दिया और अब तक करीब 4.22 किलो एमडी ड्रग्स बाजार में सप्लाई कर चुके थे


केमिकल लैब में मिले घातक रसायन


NCB को फ्लैट से जो केमिकल बरामद हुए, उनमें एसिटोन, बेंजीन, सोडियम बाइकार्बोनेट, ब्रोमीन, 4-मेथाइल प्रोपियोफेनोन, आइसोप्रोपाइल अल्कोहल, थाइलअमीन और एन-मेथाइल-2-पाइरोलिडोन जैसे पदार्थ शामिल हैं।

इन रसायनों को आरोपी दिल्ली और स्थानीय बाजार से एकत्र करते थे। इनमें से अधिकतर रसायन प्रयोगशालाओं में सामान्य प्रयोग में आते हैं, लेकिन इन्हीं के माध्यम से एमडी ड्रग्स जैसे सिंथेटिक नशे का उत्पादन किया जा रहा था।


मेफेड्रोन: दिखावे में ऊर्जा, असल में विनाश


मेफेड्रोन या एमडी एक सिंथेटिक ड्रग है जो पाउडर और टैबलेट दोनों रूपों में पाई जाती है। टैबलेट रूप को आमतौर पर “एक्सटेसी” के नाम से जाना जाता है। यह नशा व्यक्ति को अस्थायी रूप से अत्यधिक ऊर्जा और आनंद की स्थिति में पहुंचा देता है, लेकिन इसके दुष्प्रभाव बेहद घातक होते हैं।

यह न केवल मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि इसकी लत व्यक्ति को पूर्ण रूप से बर्बाद कर सकती है। युवाओं के बीच तेजी से बढ़ती इसकी लोकप्रियता समाज के लिए गंभीर खतरा बन चुकी है।


राज्य में ड्रग्स सिंडिकेट पर सबसे बड़ी कार्रवाई


NCB द्वारा की गई यह छापेमारी राजस्थान में ड्रग्स सिंडिकेट के खिलाफ सबसे बड़ी कार्रवाइयों में से एक मानी जा रही है। जांच एजेंसियां अब उन लोगों की तलाश कर रही हैं जो इस ड्रग्स नेटवर्क से जुड़े हैं, चाहे वे रॉ मैटेरियल सप्लायर हों, खरीदार हों या वितरक।

NCB का मानना है कि इस रैकेट की जड़ें राज्य के कई शहरों और युवाओं तक फैली हुई हैं, जिन तक यह नशा बड़ी चालाकी से पहुंचाया जा रहा था।


शिक्षा के मंदिर से अपराध का अड्डा


शिक्षा जैसे पवित्र क्षेत्र से जुड़े लोगों द्वारा इस तरह का अपराध समाज के लिए गंभीर चिंता का विषय है। एक शिक्षक का कर्तव्य जहां ज्ञान देना और नैतिकता सिखाना होता है, वहीं यहां दो शिक्षकों ने अपने ज्ञान का प्रयोग समाज को विषाक्त बनाने में किया। यह मामला न केवल कानून व्यवस्था के लिए चुनौती है, बल्कि शिक्षा जगत को भी आत्ममंथन की ओर ले जाता है।


एनसीबी की सख्ती और आगे की कार्रवाई


एनसीबी अब इस केस में गिरफ्तार शिक्षकों से गहन पूछताछ कर रही है। एजेंसी को शक है कि यह सिंडिकेट राज्य के अन्य हिस्सों में भी सक्रिय है और इसकी शाखाएं अन्य राज्यों तक फैली हो सकती हैं।

रसायनों की सप्लाई चेन, खरीदारों की पहचान और फंडिंग के स्रोत जैसे सवालों की जांच की जा रही है। राजस्थान में यह घटना एक कड़ी चेतावनी है कि नशा किस रूप में और कहां से समाज में जड़ें जमा सकता है। इस पर समय रहते लगाम कसना सरकार, समाज और हर जागरूक नागरिक की जिम्मेदारी बनती है।

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