राजस्थान कांग्रेस में नई टीम का धमाका! 7 प्रकोष्ठ अध्यक्ष और दर्जनों ब्लॉक अध्यक्ष घोषित

राजस्थान की राजनीति में हलचल एक बार फिर तेज हो गई है। कांग्रेस पार्टी ने संगठनात्मक स्तर पर बड़ी नियुक्तियों की घोषणा करते हुए प्रदेश में अपनी राजनीतिक ताकत को सशक्त करने की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं। गुरुवार देर रात राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी की

EDITED BY: Kamlesh Sharma

UPDATED: Friday, July 18, 2025

rajasthan-congress-nayi-team-7-prakoshth-adhyaksh-block-adhyaksh


राजस्थान की राजनीति में हलचल एक बार फिर तेज हो गई है। कांग्रेस पार्टी ने संगठनात्मक स्तर पर बड़ी नियुक्तियों की घोषणा करते हुए प्रदेश में अपनी राजनीतिक ताकत को सशक्त करने की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं।

गुरुवार देर रात राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से जारी नियुक्तियों की जानकारी शुक्रवार को सार्वजनिक की गई, जिसमें सात प्रमुख प्रकोष्ठों के अध्यक्षों और संयोजकों के नाम शामिल हैं। इसके साथ ही विभिन्न जिलों में ब्लॉक अध्यक्षों की भी नियुक्ति की गई है, जिससे यह संकेत मिलता है कि पार्टी आगामी चुनावी तैयारियों को लेकर अब पूरी तरह से सक्रिय हो चुकी है।


गोविंद सिंह डोटासरा ने दी जिम्मेदारी, संगठन को दी मजबूती


राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने नई नियुक्तियों को लेकर आदेश जारी करते हुए बताया कि इन सभी पदाधिकारियों की नियुक्ति तत्काल प्रभाव से लागू मानी जाएगी। डोटासरा ने स्पष्ट किया कि संगठनात्मक ढांचे को मज़बूत करना पार्टी की प्राथमिकता है और इन नियुक्तियों के माध्यम से जमीनी स्तर तक पहुंच बनाना मुख्य उद्देश्य है।

कांग्रेस नेतृत्व का मानना है कि हर स्तर पर जिम्मेदार और सक्रिय पदाधिकारियों की मौजूदगी आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों में पार्टी को मजबूती प्रदान करेगी।


सात प्रकोष्ठों को मिला नया नेतृत्व


नवगठित टीम में कुल सात प्रमुख प्रकोष्ठों के अध्यक्षों की घोषणा की गई है। इनमें उद्योग और व्यापार प्रकोष्ठ की जिम्मेदारी मुकुल गोयल को सौंपी गई है, जो उद्यमियों के बीच पार्टी की छवि मजबूत करने का काम करेंगे।

कच्ची बस्ती प्रकोष्ठ का नेतृत्व भरत मेघवाल को सौंपा गया है, जिनसे उम्मीद की जा रही है कि वे शहरी गरीबों और वंचित वर्ग के बीच कांग्रेस की पकड़ मजबूत करेंगे। स्थानीय निकाय प्रकोष्ठ के अध्यक्ष जीवन खान कायमखानी बनाए गए हैं, जिनकी नियुक्ति से शहरी निकायों में कांग्रेस का संगठनात्मक विस्तार और मजबूती सुनिश्चित की जा सकेगी।

पर्यावरण संरक्षण प्रकोष्ठ की कमान सुशील पारीक को दी गई है, जो पर्यावरणीय मुद्दों पर पार्टी की सक्रियता को धार देंगे।

यह भी पढ़ें –

महाराष्ट्र विधानसभा में घूंसे, गालियां और हंगामा! पडलकर-आव्हाड गुटों में भिड़ंत


अभाव अभियोग, सहकारिता और खेलकूद प्रकोष्ठ को भी मिला नया नेतृत्व


अभाव अभियोग प्रकोष्ठ की जिम्मेदारी योगिता शर्मा को दी गई है, जो सामाजिक न्याय और शिकायत निवारण के मोर्चे पर पार्टी की भूमिका को प्रभावी बनाएंगी। सहकारिता प्रकोष्ठ के अध्यक्ष पद पर संदीप यादव की नियुक्ति की गई है

जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में सहकारिता आंदोलन को लेकर कांग्रेस के पक्ष को मजबूत किया जा सकेगा। वहीं, खेलकूद प्रकोष्ठ के अध्यक्ष अमीन पठान बनाए गए हैं, जो खेलों के माध्यम से युवाओं को जोड़ने का प्रयास करेंगे।

इसके अतिरिक्त भंवर लाल बिश्नोई को समन्वयक की जिम्मेदारी दी गई है, जिनकी भूमिका विभिन्न प्रकोष्ठों के बीच बेहतर तालमेल बनाए रखने की होगी। उनकी नियुक्ति से संगठन के अंदर संवाद और समन्वय की प्रक्रिया में तेजी आने की उम्मीद की जा रही है।


सांगानेर, मानसरोवर समेत कई ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति


प्रकोष्ठ अध्यक्षों के साथ-साथ कांग्रेस ने जयपुर जिले के सांगानेर और मानसरोवर ब्लॉकों में भी नए ब्लॉक अध्यक्ष नियुक्त किए हैं। इसके अलावा नागौर जिले के मिठड़ी और धौलपुर के राजाखेड़ा ब्लॉक में भी अध्यक्षों की नियुक्ति की गई है।

इन नियुक्तियों से कांग्रेस ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह केवल प्रदेश स्तर ही नहीं, बल्कि ब्लॉक और बूथ स्तर तक अपनी पकड़ मजबूत करने के उद्देश्य से काम कर रही है।


आगामी चुनावों की तैयारी का संकेत


इन ताज़ा नियुक्तियों को सिर्फ संगठनात्मक फेरबदल के तौर पर नहीं देखा जा सकता, बल्कि यह कांग्रेस के चुनावी तैयारी के संकेत भी हैं। पार्टी नेतृत्व ने जिस प्रकार से प्रकोष्ठों और ब्लॉकों में सशक्त और अनुभवी चेहरों को जगह दी है

उससे साफ है कि कांग्रेस जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने, मतदाताओं से सीधे संवाद स्थापित करने और भाजपा के मुकाबले एक मजबूत संगठनात्मक ढांचा खड़ा करने की रणनीति पर काम कर रही है।


कांग्रेस की रणनीति: युवाओं और वंचितों पर फोकस


नवीन नियुक्तियों में युवाओं, महिलाओं और सामाजिक रूप से पिछड़े वर्गों को प्रतिनिधित्व देने का प्रयास भी झलकता है। यह कांग्रेस की उस नीति का हिस्सा है, जिसमें वह सामाजिक न्याय और समावेशिता के सिद्धांतों को संगठनात्मक स्तर पर लागू करने का दावा करती रही है।

इन नियुक्तियों से पार्टी में नए जोश का संचार हुआ है और यह देखना दिलचस्प होगा कि आगामी महीनों में ये नए पदाधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में संगठन को किस तरह से सक्रिय करते हैं और कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनाने में कितनी सफलता प्राप्त करते हैं।