राजस्थान कैबिनेट के बड़े फैसले: प्रमोशन में छूट, अनुकंपा नियुक्ति में बदलाव, RPSC में नई भर्तियां

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में सोमवार, 14 जुलाई को राजस्थान सरकार की कैबिनेट बैठक आयोजित की गई, जिसमें राज्य के प्रशासनिक, सामाजिक और शैक्षिक क्षेत्रों से जुड़े कई बड़े फैसले लिए गए। बैठक में अनुकंपा नियुक्तियों को लेकर महत्वपूर्ण संशोधन किया गया, राजस्थान लोक सेवा आयोग

EDITED BY: Kamlesh Sharma

UPDATED: Tuesday, July 15, 2025

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मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में सोमवार, 14 जुलाई को राजस्थान सरकार की कैबिनेट बैठक आयोजित की गई, जिसमें राज्य के प्रशासनिक, सामाजिक और शैक्षिक क्षेत्रों से जुड़े कई बड़े फैसले लिए गए।

बैठक में अनुकंपा नियुक्तियों को लेकर महत्वपूर्ण संशोधन किया गया, राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) में सदस्यों की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया गया और नई टाउनशिप नीति को मंजूरी दी गई। इन सभी निर्णयों को सरकार की जनसरोकारों के प्रति प्रतिबद्धता और प्रशासनिक सुधार की दिशा में ठोस पहल माना जा रहा है।


अनुकंपा नियुक्तियों के नियमों में बड़ा बदलाव


कैबिनेट बैठक में सबसे संवेदनशील और सामाजिक दृष्टि से अहम फैसला अनुकंपा नियुक्तियों को लेकर लिया गया। अब तक यह सुविधा केवल उन कर्मचारियों के परिवारों को दी जाती थी जिनकी मृत्यु हो चुकी हो या जो आकस्मिक रूप से सेवा योग्य नहीं रहे हों।

लेकिन अब पूर्ण दिव्यांग राज्यकर्मियों के परिजनों को भी अनुकंपा नियुक्ति का लाभ मिलेगा। सरकार ने यह फैसला दिव्यांगजनों के प्रति संवेदनशीलता और उनके परिवारों की आर्थिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया है। इससे गंभीर रूप से अक्षम कर्मचारियों के परिवारों को राहत मिल सकेगी।


राजस्थान शिक्षा सेवा नियमों में संशोधन और प्रमोशन में छूट


राज्य सरकार ने शिक्षा विभाग में नियुक्ति, पदोन्नति और सेवा शर्तों से संबंधित नियमों को अधिक व्यावहारिक और पारदर्शी बनाने का भी फैसला लिया है। इसके तहत वर्ष 2025-26 के लिए पदोन्नति में दो वर्ष की शिथिलता प्रदान की जाएगी।

यह छूट उन शिक्षकों और कर्मचारियों को दी जाएगी जो पिछली पदोन्नति प्रक्रिया से वंचित रह गए थे। इस कदम से लंबे समय से पदोन्नति का इंतजार कर रहे कर्मियों को राहत मिलेगी और प्रशासनिक ढांचे में ऊर्जा का संचार होगा।

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राजस्थान लोक सेवा आयोग में बढ़ेगी सदस्यों की संख्या


बैठक में राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) की कार्यप्रणाली को और अधिक प्रभावी व पारदर्शी बनाने के लिए एक बड़ा निर्णय लिया गया। अब तक आयोग में सात सदस्य होते थे, लेकिन सरकार ने इस संख्या को बढ़ाकर दस करने का निर्णय लिया है।

यह बदलाव आयोग की कार्यक्षमता को बढ़ाएगा और भर्ती प्रक्रियाओं को तेज करने में मदद करेगा। साथ ही, जेल में बंद आयोग के सदस्य बाबूलाल कटारा के खिलाफ कार्रवाई के लिए राष्ट्रपति को अनुशंसा भेजने का भी निर्णय लिया गया है।


महाविद्यालयों के नामों में बदलाव और शहीदों को सम्मान


सरकार ने राज्य के कुछ महाविद्यालयों के नाम बदलने का भी निर्णय लिया है। जोधपुर जिले के ओसियां स्थित राजकीय महाविद्यालय का नाम अब ‘शहीद गोरखनाथ महाविद्यालय’ होगा। सरकार का कहना है कि यह निर्णय शहीदों के बलिदान को सम्मान देने की दिशा में एक प्रतीकात्मक लेकिन महत्वपूर्ण पहल है।

इससे युवाओं में राष्ट्रभक्ति और प्रेरणा की भावना भी जागृत होगी।


नई टाउनशिप नीति 2024 को मिली मंजूरी


कैबिनेट बैठक में ‘राजस्थान टाउनशिप पॉलिसी 2010’ को समाप्त कर ‘टाउनशिप पॉलिसी 2024’ को लागू करने का निर्णय भी लिया गया। नई नीति को अधिक पारदर्शी, जनोन्मुखी और नियोजित शहरी विकास के अनुकूल बनाया गया है।

इसमें निजी और सार्वजनिक भागीदारी को बढ़ावा देने के साथ-साथ भूमि उपयोग, अधोसंरचना विकास और पर्यावरण संतुलन पर विशेष ध्यान दिया गया है। नई नीति के माध्यम से राज्य में नियोजित शहरीकरण को बढ़ावा देने का प्रयास किया जाएगा।


कैबिनेट बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी साझा


कैबिनेट बैठक के बाद डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा, मंत्री जोगाराम पटेल और सुमित गोदारा ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बैठक के निर्णयों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता जनहित, सुशासन और जवाबदेही पर आधारित है। इन फैसलों से न केवल प्रशासनिक कार्यप्रणाली में सुधार आएगा बल्कि जनता को भी सीधा लाभ मिलेगा।


सरकारी कर्मचारियों और दिव्यांगजनों के लिए संवेदनशील फैसले


राजस्थान सरकार की इस कैबिनेट बैठक को कई दृष्टियों से अहम माना जा रहा है। जहां एक ओर सरकारी कर्मचारियों और दिव्यांगजनों के लिए संवेदनशील फैसले लिए गए, वहीं दूसरी ओर शैक्षणिक संस्थानों और शहरी विकास की दिशा में भी ठोस निर्णय लिए गए।

RPSC जैसे संवैधानिक निकाय में सुधार के संकेत भी इस बैठक के जरिए स्पष्ट हुए हैं। सरकार के ये फैसले भले प्रशासनिक हों, लेकिन उनका असर सीधे आम नागरिकों और राज्य के विकास पर दिखाई देगा।