PWD भर्ती में हाईटेक नकल कांड! इनरवियर में कैमरा, बाहर ऑटो से मिल रहे थे जवाब

सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे लाखों युवाओं के बीच छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने सभी को हैरान कर दिया है। यह मामला न केवल परीक्षा की निष्पक्षता पर सवाल उठाता है, बल्कि तकनीक के दुरुपयोग की एक खतरनाक मिसाल भी

EDITED BY: Kamlesh Sharma

UPDATED: Thursday, July 17, 2025

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सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे लाखों युवाओं के बीच छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने सभी को हैरान कर दिया है। यह मामला न केवल परीक्षा की निष्पक्षता पर सवाल उठाता है, बल्कि तकनीक के दुरुपयोग की एक खतरनाक मिसाल भी बन गया है।

PWD सब इंजीनियर भर्ती परीक्षा में दो बहनों ने मिलकर इतनी सुनियोजित और हाईटेक चीटिंग की कि सोशल मीडिया से लेकर प्रशासन तक में हलचल मच गई है।


ऑटो में बैठकर बाहर से अंदर तक पहुंचा रही थी उत्तर


पूरा मामला बिलासपुर के सरकंडा क्षेत्र स्थित रामदुलारी स्कूल परीक्षा केंद्र का है। यहां परीक्षा के दौरान केंद्र के बाहर खड़े कुछ लोगों की नजर एक संदिग्ध ऑटो पर पड़ी। इस ऑटो में बैठी एक युवती टैब, वॉकी-टॉकी और फोन के ज़रिए किसी से धीमे-धीमे बातें कर रही थी।

उसकी गतिविधियां सामान्य प्रतीत नहीं हो रही थीं। इसी संदेह के आधार पर NSUI कार्यकर्ताओं को सूचना दी गई, जो तुरंत मौके पर पहुंचे।


कैमरे और माइक से हो रही थी लाइव प्रश्नों की ट्रांसमिशन


जांच में खुलासा हुआ कि ऑटो में बैठी युवती, सेंटर के अंदर परीक्षा दे रही अपनी सगी बहन को उत्तर बता रही थी। अंदर बैठी परीक्षार्थी ने अपने इनरवियर में कैमरा और माइक छिपा रखा था, जिससे वह प्रश्न पत्र को स्कैन कर बाहर बैठी बहन तक रीयल टाइम में भेज रही थी।

बाहर से उसे टैबलेट और वॉकी-टॉकी के माध्यम से उत्तर मिल रहे थे। इस पूरी व्यवस्था को इस तरह तैयार किया गया था कि सामान्य जांच में यह पकड़ में न आ सके।

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गैजेट्स से लैस थीं दोनों बहनें, पुलिस ने किया जब्त


जब पुलिस ने मौके पर पहुंचकर चेकिंग की तो उनके पास से कई डिवाइसेज़ बरामद किए गए, जिनमें टैब, मोबाइल फोन, वॉकी-टॉकी, कैमरा और माइक शामिल थे। इसके बाद दोनों बहनों को गिरफ्तार कर लिया गया और मामले की विस्तृत जांच शुरू कर दी गई।

यह पहली बार नहीं है जब परीक्षाओं में तकनीकी उपकरणों का उपयोग कर धोखाधड़ी की गई हो, लेकिन इस घटना की योजना और तकनीकी जाल ने सभी को चौंका दिया है।


सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो, उठे सवाल


इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रहा है। @gharkekalesh नाम के ट्विटर/X हैंडल से साझा किए गए इस वीडियो को अब तक 19 हजार से अधिक बार देखा जा चुका है।

जहां कई यूज़र्स ने इस पर गुस्सा ज़ाहिर किया, वहीं कईयों ने तंज कसा कि “जितनी योजना इन्होंने चीटिंग के लिए बनाई, उतनी अगर पढ़ाई में लगाई होती तो नौकरी खुद चलकर आती।” एक अन्य यूज़र ने लिखा, “इन्हीं जैसे लोग मेहनती उम्मीदवारों का हक छीन लेते हैं, शुक्र है कि वक्त रहते पकड़े गए।”


तकनीक का इस्तेमाल: अवसर या खतरा?


इस घटना के बाद सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि आखिर तकनीक का उद्देश्य क्या रह गया है? जहां एक ओर तकनीक ने शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति ला दी है, वहीं दूसरी ओर उसका इस प्रकार से दुरुपयोग चिंताजनक है। छात्रों की इस तरह की हरकतें न केवल परीक्षा प्रणाली को दूषित करती हैं, बल्कि हजारों मेहनती अभ्यर्थियों के भविष्य पर भी कुठाराघात करती हैं।


परीक्षा केंद्रों की सुरक्षा पर भी उठे सवाल


इस हाईटेक चीटिंग से यह भी सवाल खड़ा हुआ है कि आखिर कैसे इतनी संख्या में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज़ परीक्षा केंद्र में पहुंच गए? क्या जांच व्यवस्था इतनी लचर है कि इनरवियर में छिपे कैमरे और माइक तक पकड़े नहीं जा सके? यह घटना परीक्षा संचालन एजेंसियों के लिए एक चेतावनी है कि उन्हें सुरक्षा मानकों को और अधिक कठोर बनाने की आवश्यकता है।


प्रशासन की सख्ती और अगली कार्यवाही


फिलहाल पुलिस ने दोनों बहनों को गिरफ्तार कर लिया है और आगे की कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। संबंधित शिक्षा विभाग और परीक्षा बोर्ड को इस मामले की विस्तृत जांच करने को कहा गया है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कहीं ऐसा कोई संगठित गिरोह तो सक्रिय नहीं है जो इस तरह के हाईटेक चीटिंग रैकेट को अंजाम देता हो।


कब बदलेगी यह मानसिकता?


इस घटना ने यह भी उजागर किया है कि कुछ लोग सरकारी नौकरी को केवल हासिल करने का साधन मानते हैं, चाहे उसके लिए कोई भी रास्ता क्यों न अपनाना पड़े। लेकिन यह नहीं समझते कि इस तरह का रास्ता उन्हें भविष्य में न केवल कानूनी सज़ा दिला सकता है, बल्कि उनकी पूरी जीवन यात्रा को कलंकित कर सकता है।


मेहनत का कोई विकल्प नहीं


सरकारी नौकरी पाने की होड़ में शॉर्टकट की तलाश अब तकनीक के सहारे धोखाधड़ी तक पहुंच गई है। यह घटना केवल एक परीक्षा में धोखाधड़ी की कहानी नहीं है, बल्कि यह उस व्यवस्था और मानसिकता पर चोट है, जो सफलता को हर हाल में पाने की चाहत में नैतिकता और ईमानदारी को ताक पर रख देती है। यह समय है जब प्रशासन को सख्त कदम उठाने के साथ-साथ समाज को भी यह समझाने की जरूरत है कि मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता।