आईफोन खोया, इंसानियत नहीं : जलभरे गड्ढों में गिरे, खुद उठे और दूसरों को भी उठाया

जयपुर की एक सड़क पर हाल ही में घटी एक घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में एक युवक बारिश से जलमग्न सड़क पर अपनी स्कूटी के साथ फिसल जाता है। सड़क पर 2 से 4 फीट गहरे गड्ढे

EDITED BY: Kamlesh Sharma

UPDATED: Thursday, July 17, 2025

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जयपुर की एक सड़क पर हाल ही में घटी एक घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में एक युवक बारिश से जलमग्न सड़क पर अपनी स्कूटी के साथ फिसल जाता है। सड़क पर 2 से 4 फीट गहरे गड्ढे भरे हुए हैं, जो पानी में छिपे होने के कारण दिखाई नहीं दे रहे।

फिसलने के साथ युवक का आईफोन पानी में गिर जाता है और वह फूट-फूटकर रोने लगता है। उस आईफोन के साथ उसका सपना और व्यवसाय भी बह जाता है।


आईफोन नहीं, ऑनलाइन व्यापार का सहारा था


युवक का नाम बोनी हलधर है, जो अपने पिता के साथ जयपुर की चमेली मार्केट में कॉस्ट्यूम ज्वैलरी का कारोबार करते हैं। हलधर बताते हैं कि उन्होंने यह आईफोन 24 महीनों की किस्तों पर लिया था और हर माह ₹3,000 की किश्त भरते थे।

अब सिर्फ दो किश्तें बाकी थीं। इस फोन की मदद से वह अपने ऑनलाइन क्लाइंट्स के लिए फोटो खींचते, बिल बनाते और बिजनेस से जुड़े अन्य डिजिटल काम करते थे।


अपने दर्द को भुलाकर करने लगे दूसरों की मदद


जहां कोई और होता तो शायद सिर्फ खुद के नुकसान में डूबा रहता, लेकिन हलधर ने इंसानियत की मिसाल पेश की। जब वह खुद सड़क पर गिरे और उनका फोन बह गया, तब भी वह वहीं रुककर दूसरों की मदद करते रहे।

उन्होंने देखा कि अन्य लोग भी उसी गड्ढे में गिर रहे हैं या उनकी गाड़ियां फंस रही हैं। हलधर उन्हें चेतावनी देते और हाथ पकड़कर उठाते रहे। इसी दौरान एक बार उन्हें अपना फोन पानी में तैरता दिखा। उन्होंने उसे उठाया, लेकिन तब तक वह पूरी तरह खराब हो चुका था।

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‘शायद दोबारा फोन खरीदना अब मुमकिन नहीं’


हलधर ने कहा, “मैंने फोन को रिपेयरिंग शॉप पर दिखाया, लेकिन कोई उम्मीद नहीं बची। अब शायद दोबारा ऐसा फोन खरीदना मेरे लिए मुमकिन नहीं।” उन्होंने बताया कि घटना तब हुई जब वह अपने पिता की दुकान से मिर्जा इस्माइल रोड की ओर लौट रहे थे।


गड्ढे के कारण हो सकता था जानलेवा हादसा


घटना स्थल पर मौजूद अन्य लोगों ने भी स्थिति की भयावहता को रेखांकित किया। राम निवास बाग थिएटर के सामने नया पार्किंग लॉट बनने के बाद वहां की नालियां जाम हो गईं, जिससे भारी जलभराव हो गया। हलधर को यह अंदाजा नहीं था कि पानी के नीचे एक बड़ा गड्ढा छिपा है। उन्होंने कहा, “मैंने तो बस फोन खोया, लेकिन कोई अपनी जान भी गंवा सकता था।”


यूनेस्को हेरिटेज सिटी में जलभराव की त्रासदी


जयपुर को यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज सिटी का दर्जा मिला हुआ है, लेकिन इस बार सामान्य से अधिक बारिश के कारण शहर की जल निकासी व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। स्थानीय निवासी जयदीप शर्मा ने कहा, “मैं भी उसी गड्ढे में फंसा था। मेरी कार का एक्सल खराब हो गया और व्हील एलाइन्मेंट बिगड़ गया। सरकार को इस तरह के गड्ढों को तुरंत भरवाना चाहिए।”


प्रशासन जागा, लेकिन समाधान अधूरा


बोनी हलधर का वीडियो वायरल होने के बाद प्रशासन हरकत में आया। आनन-फानन में गड्ढे को भरने के लिए मिट्टी, बजरी और रेत की बोरियों का उपयोग किया गया। यह एक अस्थायी उपाय मात्र था, ताकि पार्किंग लॉट और मैदान से बहकर आने वाला पानी सड़क पर न फैले। लेकिन असली समस्या अब भी जस की तस है।


400 करोड़ की योजना, लेकिन अधूरी


शहरी विकास विभाग ने जयपुर के ड्रेनेज सिस्टम को सुधारने के लिए 400 करोड़ रुपये की योजना बनाई थी। लेकिन बजट की कमी और अमल में लापरवाही के चलते यह योजना आज भी फाइलों में दबी पड़ी है।


‘कभी-कभी उम्मीद होती है, कभी सब कुछ भारी लगता है’


बोनी हलधर के लिए वायरल होना कोई उपलब्धि नहीं है। उनके लिए यह सिर्फ एक कठिन दिन की कहानी है। लेकिन इस कहानी ने उन्हें कई दिलों तक पहुंचा दिया। बहुत से लोग अब उन्हें नया फोन देने को तैयार हैं, लेकिन फोन न होने के कारण वह उन संदेशों तक पहुंच नहीं पा रहे।

मुस्कराते हुए उन्होंने कहा, “कभी-कभी दुनिया में उम्मीद होती है और कभी-कभी सब कुछ भारी लगने लगता है।”


मानवीयता की एक मिसाल और सिस्टम की असफलता की तस्वीर


बोनी हलधर की यह कहानी महज एक फोन खोने की नहीं, बल्कि हमारी शहरी अव्यवस्था, बारिश के बाद की बदहाली और एक साधारण इंसान की असाधारण मानवता की मिसाल है। यह घटना प्रशासन को चेतावनी भी देती है और आम नागरिकों को इंसानियत की राह दिखाती है।