कर्नाटक के गोकर्ण की एक गुफा में अपनी दो छोटी बेटियों के साथ रह रही रूसी महिला नीना कुटीना की कहानी में अब नया मोड़ आ गया है। पिछले दिनों यह मामला उस समय चर्चा में आया जब पुलिस को गश्त के दौरान रामातीर्थ पहाड़ी की एक प्राकृतिक गुफा में नीना अपनी बेटियों के साथ ध्यान करती मिली थीं।
शुरुआती पूछताछ में नीना ने बताया था कि वह दुनिया की भागदौड़ से दूर आध्यात्मिक शांति की तलाश में यहां आई हैं। लेकिन अब इस मामले में उनके पति द्रोहर गोल्डस्टीन सामने आए हैं और उन्होंने कई गंभीर दावे किए हैं।
‘बिना बताए छोड़ गई गोवा’: पति का आरोप
इजराइल निवासी द्रोहर गोल्डस्टीन ने दावा किया है कि नीना कुटीना उन्हें बिना कोई सूचना दिए गोवा छोड़कर चली गई थीं। उन्होंने कहा कि उन्हें नीना के बारे में महीनों तक कोई जानकारी नहीं थी, जिससे वे बेहद परेशान थे। उन्होंने यहां तक बताया कि उन्होंने गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज करवाई थी।
आठ साल पुरानी है दोनों की प्रेम कहानी
द्रोहर और नीना की मुलाकात लगभग आठ साल पहले गोवा में हुई थी। मुलाकात जल्द ही प्रेम में बदल गई और दोनों ने भारत में साथ सात महीने बिताए। इसके बाद वे यूक्रेन भी साथ गए, जहां उन्होंने कुछ समय तक एक साथ जीवन जिया। द्रोहर के अनुसार, उनके और नीना के दो बेटियां हैं—प्रेमा, जिसकी उम्र 6 साल है और एमा, जो 5 साल की है।
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हर महीने भेजते थे खर्चा, अब बेटियों की कस्टडी चाहते हैं
गोल्डस्टीन ने यह भी बताया कि वे बीते कई वर्षों से अपनी बेटियों से मिलने भारत आते रहे हैं और हर महीने नीना को एक निश्चित राशि भेजते रहे हैं ताकि बच्चों की परवरिश ठीक से हो सके। उन्होंने कहा, “मेरी बेटियों को किसी चीज़ की कमी नहीं रही।
लेकिन अब मैं चाहता हूं कि मैं उनके साथ रह सकूं।” उन्होंने स्पष्ट कहा कि वे बच्चों की जॉइंट कस्टडी चाहते हैं और उनकी पूरी कोशिश होगी कि बेटियों को रूस न भेजा जाए, क्योंकि इससे उनके लिए संपर्क रखना और देखभाल करना लगभग असंभव हो जाएगा।
‘नीना ने बेटियों से ज्यादा देर नहीं मिलने दिया’
द्रोहर ने कहा कि जब उन्हें गोकर्ण में नीना के होने की जानकारी मिली तो वे तुरंत वहां पहुंचे। वे यह देखना चाहते थे कि नीना और बेटियां सुरक्षित हैं या नहीं। हालांकि, उन्होंने आरोप लगाया कि नीना ने उन्हें बेटियों के साथ ज्यादा समय बिताने नहीं दिया। “मुझे सिर्फ कुछ ही पल मिले, वो बहुत कठिन समय था,” उन्होंने भावुक होकर कहा।
गुफा में ध्यान करती मिली थीं नीना
11 जुलाई को जब गोकर्ण के पुलिसकर्मी नियमित गश्त पर थे, तब उन्होंने रामातीर्थ पहाड़ी की एक प्राकृतिक गुफा में नीना को उनकी दोनों बेटियों के साथ देखा। नीना ने दावा किया कि वह आधुनिक जीवनशैली से परेशान होकर ध्यान और प्रार्थना के लिए यहां आई हैं।
उनका कहना था कि उन्हें शहरों की चकाचौंध से दूर, एकांत और आध्यात्मिक वातावरण की तलाश थी, जिसके चलते उन्होंने गोकर्ण में गुफा को अपना ठिकाना बनाया।
विजा उल्लंघन और कानूनी पेचीदगियां
नीना कुटीना भारत बिजनेस वीजा पर आई थीं, जो अप्रैल 2017 तक वैध था। इसके बाद गोवा के फॉरेनर्स रीजनल रजिस्ट्रेशन ऑफिस (FRRO) ने उन्हें अप्रैल 2018 में एग्जिट परमिट जारी किया था। इसके बावजूद नीना भारत में रहीं और कुछ समय बाद नेपाल चली गईं।
लेकिन सितंबर 2018 में वह बिना अनुमति के फिर भारत लौट आईं, जो वीजा नियमों का उल्लंघन है। अब इस पूरे मामले की जांच पुलिस और विदेशी नागरिक निगरानी एजेंसियां कर रही हैं।
मानसिक, पारिवारिक और कानूनी उलझनों में फंसी कहानी
नीना कुटीना का यह मामला अब एक साधारण ‘अध्यात्म की खोज’ से हटकर एक जटिल पारिवारिक और कानूनी विवाद का रूप ले चुका है। एक ओर नीना ध्यान और आत्मशांति की बात करती हैं, तो दूसरी ओर उनके पति अपनी बेटियों की कस्टडी के लिए आवाज उठा रहे हैं।
दोनों पक्षों के पास अपनी-अपनी दलीलें हैं, लेकिन सवाल यह है कि दो मासूम बच्चियों के भविष्य का फैसला कैसे और किसके पक्ष में होगा।
प्रशासन और समाज के लिए गंभीर मुद्दा
यह मामला न केवल अंतरराष्ट्रीय नागरिकों की भारत में गतिविधियों की निगरानी के सवाल खड़े करता है, बल्कि बच्चों की सुरक्षा, मानसिक स्वास्थ्य और पारिवारिक न्याय से जुड़े बड़े सवाल भी खड़े करता है।
यह स्पष्ट है कि गोकर्ण की गुफा से निकलने वाली यह कहानी अब देश-दुनिया की सुर्खियों में है, और इसके समाधान के लिए प्रशासन को संवेदनशीलता और जिम्मेदारी दोनों के साथ कदम उठाने होंगे।