पति ने पकड़ा चाची-भतीजे का रिश्ता, फिर उठाया ऐसा कदम कि थम गई गांव की सांसें

बिहार के जमुई जिले से एक ऐसा प्रेम प्रसंग सामने आया है, जिसने न सिर्फ इलाके में सनसनी फैला दी है, बल्कि लोगों के सोचने का नजरिया भी बदल दिया है। यह मामला परंपराओं और सामाजिक रिश्तों के दायरे को पार कर एक नई दिशा की ओर

EDITED BY: Kamlesh Sharma

UPDATED: Monday, June 23, 2025

चाची भतीजा प्रेम प्रसंग

बिहार के जमुई जिले से एक ऐसा प्रेम प्रसंग सामने आया है, जिसने न सिर्फ इलाके में सनसनी फैला दी है, बल्कि लोगों के सोचने का नजरिया भी बदल दिया है। यह मामला परंपराओं और सामाजिक रिश्तों के दायरे को पार कर एक नई दिशा की ओर इशारा करता है, जहां प्यार ने सामाजिक बंधनों को तोड़कर अपनी राह बना ली।

जमुई के सदर थाना क्षेत्र स्थित सिकेरिया गांव की इस कहानी में प्रेम, शादी, सामाजिक रिश्ते और समझदारी का एक अलग ही मिश्रण देखने को मिला है, जो अब पूरे जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है। इस पूरे मामले में सबसे खास बात यह रही कि एक शादीशुदा महिला अपने पति को छोड़ अपने से छोटे और रिश्ते में भतीजे लगने वाले युवक के प्यार में इस कदर डूबी कि वह अपने घर, पति और यहां तक कि अपनी मासूम बच्ची तक को छोड़कर प्रेमी संग फरार हो गई।

शादी के बाद भी बढ़ी नजदीकियां, रिश्ते की सीमाएं हुईं पार

जमुई जिले के सिकेरिया गांव में रहने वाले विशाल दुबे की शादी 2021 में पटना की आयुषी से हुई थी। शादी के बाद आयुषी पति के साथ गांव में रहने लगी थी। कुछ ही समय में पड़ोस में रहने वाले युवक सचिन दुबे से आयुषी की नजदीकियां बढ़ने लगीं।

रिश्ते में सचिन भतीजा लगता था, लेकिन दोनों के बीच सोशल मीडिया पर हुई बातचीत जल्द ही गहरे प्रेम संबंध में बदल गई। ये प्रेम इतना प्रबल हो गया कि सामाजिक रिश्तों की सीमाएं भी दरकिनार कर दी गईं।

प्रेमी से मिलने के लिए पति के जाने का करती थी इंतजार

सूत्रों के अनुसार, आयुषी अपने पति के घर से बाहर जाते ही हर दिन सचिन से मिलने लगी थी। उनके बीच का रिश्ता धीरे-धीरे गहरा होता गया और प्रेमी युगल एक-दूसरे के साथ भविष्य बिताने के सपने देखने लगे। यह सिलसिला दो साल तक चलता रहा, लेकिन आखिरकार उन्होंने समाज से बगावत कर अपने प्रेम को सार्वजनिक कर दिया।

बेटी को छोड़ प्रेमी संग हुई फरार, पति ने दर्ज कराई रिपोर्ट

15 जून को आयुषी अपनी छोटी बच्ची और पति को छोड़ सचिन के साथ फरार हो गई। इस घटना से पति विशाल दुबे सकते में आ गया। उसने तुरंत टाउन थाना जाकर पत्नी की गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई। पुलिस जांच में जुट गई और कुछ ही दिनों बाद दोनों प्रेमी सामने आ गए।

पति ने दिखाया धैर्य, पंचायत की बजाय लिया बड़ा फैसला

आमतौर पर ऐसी स्थिति में समाज में तनाव, पंचायत और विवाद की स्थिति बन जाती है, लेकिन विशाल दुबे ने परिपक्वता और धैर्य का परिचय देते हुए एक चौंकाने वाला फैसला लिया। उसने न तो विवाद किया और न ही समाजिक दबाव में आकर हिंसा का रास्ता अपनाया।

विशाल ने सार्वजनिक रूप से अपनी पत्नी की इच्छा को सम्मान दिया और गांव वालों की मौजूदगी में उसकी शादी सचिन से करा दी।

तलाक की अर्जी दी, पत्नी को दी आजादी से जीने की छूट

विशाल दुबे ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि उसने अपनी पत्नी की इच्छा स्वीकार की है और अब वह जहां चाहे, जैसे चाहे, रह सकती है। साथ ही उसने कोर्ट में तलाक की अर्जी भी दे दी है, ताकि कानूनी रूप से भी दोनों के रास्ते अलग हो सकें। इस फैसले को लेकर गांव में लोग हैरान भी हैं और कुछ इसे समझदारी भरा कदम भी बता रहे हैं।

प्रेमी युगल ने कबूला दो साल पुराना रिश्ता

सचिन और आयुषी ने खुलासा किया कि उनका रिश्ता पिछले दो वर्षों से चल रहा था। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि शुरुआत सोशल मीडिया पर हुई थी और फिर धीरे-धीरे यह प्रेम परवान चढ़ा। दोनों ने अपने फैसले से खुश रहने की बात भी कही।

चाची-भतीजे की शादी बनी चर्चा का विषय

इस शादी को लेकर पूरे इलाके में चर्चा का माहौल है। रिश्तों की पारंपरिक परिभाषा को तोड़ते हुए हुई इस शादी को लेकर जहां कुछ लोग आलोचना कर रहे हैं, वहीं कई लोग विशाल के फैसले की तारीफ कर रहे हैं। इसे कुछ लोग ‘रघुवंशी कांड’ से जोड़कर देख रहे हैं और विशाल दुबे की सोच को एक समझदार और शांतिपूर्ण समाधान का उदाहरण बता रहे हैं।

समाज के लिए एक नई सीख, प्रेम को मिली प्राथमिकता

यह घटना सिर्फ एक प्रेम प्रसंग नहीं बल्कि समाज के लिए एक संदेश बनकर सामने आई है। जहां अक्सर ऐसे मामलों में पंचायतें, मारपीट और सामाजिक बहिष्कार होता है, वहां विशाल दुबे का शांतिपूर्ण और समझदारी भरा रवैया एक नई दिशा दिखाता है।

उसने यह साबित कर दिया कि जब प्रेम सच्चा हो और रिश्ता केवल नाम का रह जाए, तब मजबूरी में जीने से बेहतर है कि व्यक्ति अपनी खुशी का रास्ता खुद चुने।

रिश्तों की नई परिभाषा और सोच का बदलाव

जमुई का यह मामला समाज की सोच को झकझोरने वाला है। एक तरफ सामाजिक मर्यादाओं से बंधे रिश्ते हैं, वहीं दूसरी ओर व्यक्तिगत इच्छाएं और प्रेम की स्वतंत्रता। इस प्रेम कहानी ने पारंपरिक रिश्तों और विवाह संस्था पर सवाल तो खड़े किए हैं

लेकिन साथ ही यह भी दिखाया है कि किसी के जीवन का फैसला जबरन नहीं, बल्कि उसकी इच्छा से होना चाहिए। विशाल दुबे के फैसले ने समाज को एक नई सोच, नई दिशा और नए दृष्टिकोण की सीख दी है।