मेडिकल कॉलेजों में रिश्वत का गोरखधंधा बेनकाब: CBI की छापेमारी से मचा हड़कंप, 6 गिरफ्तार, 6 राज्यों में हलचल

मेडिकल शिक्षा जैसे संवेदनशील क्षेत्र में फैले भ्रष्टाचार पर अब शिकंजा कसता दिखाई दे रहा है। मेडिकल कॉलेजों को मान्यता देने की प्रक्रिया में रिश्वतखोरी का बड़ा मामला सामने आने के बाद केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने बुधवार को राजस्थान सहित छह राज्यों में एक साथ जबरदस्त

EDITED BY: Kamlesh Sharma

UPDATED: Thursday, July 3, 2025

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मेडिकल शिक्षा जैसे संवेदनशील क्षेत्र में फैले भ्रष्टाचार पर अब शिकंजा कसता दिखाई दे रहा है। मेडिकल कॉलेजों को मान्यता देने की प्रक्रिया में रिश्वतखोरी का बड़ा मामला सामने आने के बाद केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने बुधवार को राजस्थान सहित छह राज्यों में एक साथ जबरदस्त कार्रवाई की।

इस दौरान तीन डॉक्टरों समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया गया, वहीं कुल 40 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की गई। इस कार्रवाई के बाद मेडिकल संस्थानों की साख और सरकार की जवाबदेही दोनों पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।


पॉजिटिव रिपोर्ट के बदले दी गई 55 लाख की रिश्वत


CBI की जांच का यह मामला छत्तीसगढ़ की राजधानी नया रायपुर स्थित श्रीरावतपुरा सरकारी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च से जुड़ा है। आरोप है कि कॉलेज के पदाधिकारियों ने मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (अब NMC) की निरीक्षण प्रक्रिया को प्रभावित करने के लिए 55 लाख रुपये की रिश्वत दी

जिससे कि संस्थान को सकारात्मक निरीक्षण रिपोर्ट मिल सके। CBI को खुफिया सूत्रों से सूचना मिली थी कि इस कॉलेज में निरीक्षण के दौरान डॉक्टरों और आकलनकर्ताओं को प्रलोभन देकर संस्थान के पक्ष में रिपोर्ट तैयार करवाई जा रही है।

जांच एजेंसी ने रणनीतिक तरीके से जाल बिछाकर बेंगलुरु में रिश्वत के लेन-देन के समय सभी छह आरोपियों को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।


राजस्थान से लेकर दिल्ली तक फैला भ्रष्टाचार का नेटवर्क


CBI की यह कार्रवाई केवल छत्तीसगढ़ तक सीमित नहीं रही। छापेमारी की यह लहर राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और कर्नाटक तक फैली रही।

जयपुर और कोटा सहित राजस्थान के विभिन्न इलाकों में भी CBI की टीमें पहुंचीं और कॉलेजों, डॉक्टर्स व अन्य संदिग्ध व्यक्तियों के ठिकानों पर डॉक्यूमेंट्स, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज और लेन-देन से जुड़े रिकॉर्ड खंगाले गए। यह पहली बार है जब इतने बड़े स्तर पर मेडिकल शिक्षा क्षेत्र में संगठित भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ है।


गिरफ्तार डॉक्टरों पर गंभीर आरोप

CBI के अनुसार, गिरफ्तार किए गए डॉक्टरों में से तीन वह व्यक्ति हैं जिन्हें निरीक्षण के लिए नियुक्त किया गया था। इन डॉक्टरों ने कॉलेज द्वारा दी गई रिश्वत स्वीकार कर निरीक्षण रिपोर्ट में कॉलेज की कमियों को नजरअंदाज किया और मनचाही रिपोर्ट पेश की।

एजेंसी ने यह भी स्पष्ट किया कि इन आरोपियों ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए सरकारी प्रक्रिया को विकृत करने की कोशिश की। साथ ही, इन लोगों ने बिचौलियों के जरिए लेन-देन को छुपाने के लिए विभिन्न रणनीतियां अपनाईं, जैसे नकदी में भुगतान, अन्य राज्यों में बैठकें और डिजिटल माध्यमों से सूचना साझा करना।


सीबीआई के पास पहले से थे इनपुट, बिछाया गया जाल


CBI को इस पूरे घोटाले के बारे में पूर्व सूचना थी, जिसके बाद एजेंसी ने महीनों तक निगरानी रखी और पुख्ता सबूत इकट्ठा किए। फिर योजना के अनुसार बेंगलुरु में रिश्वत देने-लेने के समय आरोपियों को रंगे हाथों पकड़ा गया।

छापेमारी में कुछ ऐसे दस्तावेज भी बरामद हुए हैं जो यह साबित करते हैं कि यह कोई एकल मामला नहीं, बल्कि एक सुनियोजित भ्रष्टाचार का नेटवर्क था जो मेडिकल कॉलेजों को अवैध मान्यता दिलवाने में जुटा था।


न्यायालय में पेश किए जाएंगे सभी आरोपी

CBI ने यह भी पुष्टि की है कि सभी छह आरोपियों को संबंधित न्यायालयों में पेश किया जाएगा। वहीं, अब इस मामले में फारेंसिक जांच और बैंकिंग लेनदेन की गहन पड़ताल की जाएगी ताकि पता लगाया जा सके कि रिश्वत की यह रकम कहां-कहां तक पहुंची और किन-किन लोगों ने इसमें भूमिका निभाई।

एजेंसी का कहना है कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों से पूछताछ के बाद और भी बड़े नाम सामने आ सकते हैं, जिससे मेडिकल एजुकेशन सेक्टर में गहराई तक फैले इस भ्रष्टाचार की जड़ें उजागर हो सकें।


चिकित्सा शिक्षा व्यवस्था पर सवाल

CBI की इस कार्रवाई से साफ हो गया है कि देश के कुछ मेडिकल संस्थानों में रिश्वत के बल पर मान्यता हासिल करने का चलन अब भी जारी है। यह न सिर्फ शिक्षा की गुणवत्ता को प्रभावित करता है, बल्कि भविष्य के डॉक्टरों की ट्रेनिंग और मरीजों की सुरक्षा पर भी गंभीर खतरा उत्पन्न करता है।

मेडिकल परिषदों, स्वास्थ्य मंत्रालय और राज्य सरकारों को इस तरह की गतिविधियों पर सख्त निगरानी और पारदर्शिता सुनिश्चित करने की आवश्यकता है, ताकि इस पवित्र पेशे में भ्रष्‍टाचार की कोई जगह न बचे।


सीबीआई की छापेमारी से हड़कंप


राजस्थान सहित जिन राज्यों में यह कार्रवाई हुई, वहां शिक्षा और चिकित्सा जगत में हड़कंप मच गया है। नीति निर्धारकों से लेकर संस्थान प्रमुखों तक, हर कोई इस छापेमारी के बाद सतर्क हो गया है।

माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में CBI और बड़े खुलासे कर सकती है, जिससे देशभर में मेडिकल कॉलेजों की जांच प्रक्रिया और मान्यता प्रणाली को लेकर कठोर सुधार लागू हो सकते हैं। यह कार्रवाई इस बात का संकेत है कि अब मेडिकल शिक्षा में गुणवत्ता और पारदर्शिता को लेकर सरकार और जांच एजेंसियां किसी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं करेंगी।