भाजपा संगठन में रफ्तार, लेकिन गुजरात-यूपी में फंसा पेंच: जानिए अब तक कितने राज्यों में बदले प्रदेशाध्यक्ष

लोकसभा चुनाव 2024 के बाद भारतीय जनता पार्टी अब संगठन को नए सिरे से खड़ा करने में जुट गई है। एक ओर जहां पार्टी की नजर संसद के मानसून सत्र से पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष की घोषणा पर है, वहीं दूसरी ओर बीते एक सप्ताह में बीजेपी ने

EDITED BY: Kamlesh Sharma

UPDATED: Friday, July 4, 2025

bjp-sangathan-update-gujarat-up-pradeshadhyaksh-list-2025


लोकसभा चुनाव 2024 के बाद भारतीय जनता पार्टी अब संगठन को नए सिरे से खड़ा करने में जुट गई है। एक ओर जहां पार्टी की नजर संसद के मानसून सत्र से पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष की घोषणा पर है, वहीं दूसरी ओर बीते एक सप्ताह में बीजेपी ने कई राज्यों में प्रदेश अध्यक्षों की घोषणा करके सियासी हलचल बढ़ा दी है।

लेकिन सबसे दिलचस्प स्थिति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के राज्यों को लेकर बनी हुई है। इन दो अहम राज्यों में अभी तक नए प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा नहीं हो सकी है, जिससे संगठनात्मक तौर पर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।


गुजरात और उत्तर प्रदेश में पेंच क्यों?


बीजेपी नेतृत्व को लेकर गुजरात और यूपी में रणनीति बेहद संवेदनशील है। गुजरात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का गृह राज्य है, वहीं उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राजनीतिक राज्य है, जहां से लोकसभा में सबसे ज्यादा सांसद चुनकर आते हैं।

इन दोनों राज्यों में संगठन को मजबूत बनाना अगले विधानसभा और निकाय चुनावों की तैयारी के लिहाज से बेहद अहम है। उत्तर प्रदेश में सबसे बड़ी चुनौती सामाजिक समीकरण को साधने की है। पार्टी ओबीसी समुदाय की नाराजगी को लेकर चिंतित है।

2024 के लोकसभा चुनाव में यादव, कुशवाहा और कुछ अन्य पिछड़ी जातियों का एक हिस्सा बीजेपी से खिसका है, जिसे लेकर पार्टी अब रणनीतिक तौर पर सधे हुए कदम उठाना चाहती है। वहीं गुजरात में संगठनात्मक समन्वय अपेक्षाकृत आसान है, लेकिन वहाँ भी प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा में देरी से पार्टी कार्यकर्ताओं में असंतोष देखा जा रहा है।


राष्ट्रीय अध्यक्ष की घोषणा से जुड़ा है मामला?


बीजेपी सूत्रों की मानें तो गुजरात और उत्तर प्रदेश में नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति राष्ट्रीय अध्यक्ष की घोषणा के बाद की जाएगी। दरअसल, पार्टी ने हाल ही में अपने संगठनात्मक चुनावों की प्रक्रिया पूरी कर ली है, जिससे अब राष्ट्रीय अध्यक्ष की घोषणा किसी भी समय हो सकती है।

यह माना जा रहा है कि नए अध्यक्ष की घोषणा मानसून सत्र से पहले कर दी जाएगी। इसके बाद ही बाकी राज्यों के अधूरे पदों को भरा जाएगा।


क्या दिख रहा है संगठनात्मक ट्रेंड?


पार्टी जिन नए चेहरों को प्रदेश अध्यक्ष बना रही है, उसमें साफ देखा जा सकता है कि संघ की पृष्ठभूमि वाले नेताओं को तरजीह दी जा रही है। उदाहरण के तौर पर पश्चिम बंगाल के समिक भट्टाचार्य, मध्य प्रदेश के हेमंत खंडेलवाल और उत्तराखंड के महेंद्र भट्ट – सभी संघ की नर्सरी में पले-बढ़े चेहरे हैं।

इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन में भी संघ का प्रभावी हस्तक्षेप होगा। यह भी संभव है कि बीजेपी इस बार राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में ऐसा चेहरा लाए जो संगठनात्मक दृष्टि से मजबूत होने के साथ जातीय और क्षेत्रीय संतुलन को भी साध सके।


अब तक किन राज्यों में हो चुकी है नियुक्ति?

अब तक बीजेपी ने देश के 28 में से 20 राज्यों में नए प्रदेश अध्यक्षों की नियुक्ति कर दी है। वहीं 8 केंद्र शासित प्रदेशों में से 7 में अध्यक्ष तय किए गए हैं।

कुछ राज्यों में घोषित नए अध्यक्ष इस प्रकार हैं:

आंध्र प्रदेश – पी वी एन माधव

अरुणाचल प्रदेश – कलिंग मोयोंग

असम – दिलीप सैकिया

बिहार – दिलीप कुमार जायसवाल

छत्तीसगढ़ – किरण सिंह देव

गोवा – दामू नाइक

हिमाचल प्रदेश – डॉ. राजीव बिंदल

केरल – राजीव चंद्रशेखर

मध्य प्रदेश – हेमंत खंडेलवाल

महाराष्ट्र – रवींद्र चव्हाण

मेघालय – रिकमैन जी मोमिन

मिजोरम – के. बेइचुआ

नागालैंड – बेंजामिन येप्थोमी

राजस्थान – मदन राठौड़

सिक्किम – डीआर थापा

तमिलनाडु – नैनार नागेंद्रन

तेलंगाना – एन. रामचंद्र राव

उत्तराखंड – महेंद्र भट्ट

पश्चिम बंगाल – समिक भट्टाचार्य

केंद्र शासित प्रदेशों में स्थिति:

अंडमान-निकोबार – अनिल तिवारी

चंडीगढ़ – जतिंदर मल्होत्रा

दादरा-नगर हवेली व दीव – दीपेश ठाकोरभाई टंडेल

जम्मू-कश्मीर – सतपाल शर्मा

लद्दाख – ताशी ग्यालसन खाचू

लक्षद्वीप – के.एन. कास्मिकोया

पुडुचेरी – वी. पी. रामलिंगम

दिल्ली – अभी नियुक्ति शेष

कहाँ नहीं हुई अब तक नियुक्ति?

गुजरात, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, मणिपुर, ओडिशा, पंजाब जैसे राज्यों में प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा बाकी है।


रणनीतिक तैयारी में जुटी भाजपा


बीजेपी फिलहाल संगठनात्मक तौर पर नए सिरे से खुद को ढालने की प्रक्रिया में है। राष्ट्रीय अध्यक्ष की घोषणा के बाद गुजरात और उत्तर प्रदेश जैसे अहम राज्यों में प्रदेश अध्यक्षों की नियुक्ति तय मानी जा रही है। लेकिन इन नियुक्तियों में जितनी राजनीतिक रणनीति होगी, उतनी ही सामाजिक संतुलन की कसौटी पर भी फैसले लिए जाएंगे।

फिलहाल, पार्टी कार्यकर्ता और समर्थक दोनों की निगाहें इसी बात पर टिकी हैं कि नया राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होगा और कब यह घोषणा की जाएगी? इसके बाद ही बाकी पेंडिंग नियुक्तियों पर से भी पर्दा उठेगा।