राजस्थान की राजधानी जयपुर के लिए मानसून इस बार राहत और उम्मीदों की सौगात लेकर आया है। जयपुर की जल जीवन रेखा कहे जाने वाले बीसलपुर बांध में इस बार मॉनसून के साथ ही बंपर पानी की आवक शुरू हो गई है, जिससे पानी की किल्लत का डर अब दूर होता दिख रहा है।
लंबे समय से पानी की आपूर्ति को लेकर चिंतित लोगों के लिए यह खबर किसी संजीवनी से कम नहीं मानी जा रही।
मानसून की पहली बारिश बनी वरदान
जयपुर और उसके आसपास के क्षेत्रों में जैसे ही मानसून ने दस्तक दी, वैसे ही बीसलपुर बांध के कैचमेंट एरिया में भी अच्छी बारिश का दौर शुरू हो गया। विशेष रूप से बुधवार को भारी बारिश के कारण त्रिवेणी पर बनास नदी में जबरदस्त उफान देखा गया।
रात भर हुई बारिश के कारण त्रिवेणी का गेज 8 मीटर तक पहुंच गया, जिससे बीसलपुर बांध में पानी की जबरदस्त आवक दर्ज की गई।
गोवटा बांध से भी मिली अतिरिक्त मदद
भीलवाड़ा जिले के मांडलगढ़ स्थित गोवटा बांध के ओवरफ्लो होने से बीसलपुर में पानी की आवक और अधिक तेज हो गई। गोवटा बांध का पानी सीधे बीसलपुर बांध में पहुंच रहा है, जिससे जल स्तर में लगातार वृद्धि हो रही है।
यह न केवल जयपुर बल्कि अजमेर, टोंक, दूदू, ब्यावर और किशनगढ़ जैसे कई शहरों और कस्बों के लिए राहत भरी खबर है, जो बीसलपुर पर ही निर्भर हैं।
तेजी से बढ़ा जल स्तर, दर्ज हुई बड़ी छलांग
बुधवार सुबह 6 बजे बीसलपुर बांध का जल स्तर 312.64 मीटर था, जो पूरे दिन 3 सेंटीमीटर बढ़कर शाम 6 बजे 312.67 मीटर पर पहुंच गया। लेकिन असली चमत्कार रात में हुआ, जब त्रिवेणी और अन्य जल स्रोतों से तेज़ बहाव के कारण गुरुवार सुबह तक जल स्तर 313.17 मीटर आरएल तक पहुंच गया।
यानी एक ही रात में आधा मीटर से अधिक पानी की आवक हुई, जो सामान्य से कई गुना अधिक है।
बांध में अब तक 23.188 टीएमसी पानी स्टोर
बीसलपुर बांध में अब तक 23.188 टीएमसी (थाउज़ेंड मिलियन क्यूबिक फीट) पानी संग्रहित हो चुका है। यह आंकड़ा बांध की कुल क्षमता के मुकाबले काफी उत्साहजनक है। बांध की पूर्ण भराव क्षमता 315.50 मीटर आरएल है, यानी अब भी लगभग 2.33 मीटर का स्थान जल भंडारण के लिए बचा हुआ है।
यदि आने वाले दिनों में इसी तरह वर्षा होती रही, तो संभव है कि बांध जल्दी ही पूरी तरह भर जाए।
जयपुर की ‘लाइफलाइन’ फिर बनी संजीवनी
जयपुर शहर की पेयजल व्यवस्था का बड़ा हिस्सा बीसलपुर बांध पर निर्भर करता है। हर साल गर्मियों में जैसे-जैसे जल स्तर गिरता है, राजधानी में पानी की कटौती और टैंकरों पर निर्भरता बढ़ जाती है। लेकिन इस बार स्थिति उलट होती दिख रही है।
मानसून के शुरुआती दौर में ही जल स्तर में तेज़ बढ़ोतरी से साफ है कि जयपुरवासियों को इस बार कम से कम पानी को लेकर चिंता नहीं करनी पड़ेगी।
त्रिवेणी का बहाव अब हुआ सामान्य
गुरुवार सुबह तक त्रिवेणी पुलिया पर बनास नदी का गेज घटकर 4.30 मीटर पर आ गया है, जिससे संकेत मिलता है कि फिलहाल सबसे तीव्र बहाव की स्थिति कम हो रही है। हालांकि, चित्तौड़गढ़ और ऊपरमाल जैसे ऊपरी क्षेत्रों में अभी भी भारी बारिश जारी है, जिससे निकट भविष्य में और भी जल आवक की संभावना बनी हुई है।
उम्मीदों की नई बौछार
बीसलपुर बांध की यह स्थिति न केवल इस साल की जल आपूर्ति को सुनिश्चित करती है, बल्कि आने वाले महीनों में जयपुर सहित पूरे क्षेत्र में नियमित और निर्बाध जल वितरण की आशा को भी मजबूत करती है। यह स्थिति कृषि, घरेलू उपयोग, और औद्योगिक गतिविधियों के लिए भी सकारात्मक मानी जा रही है।
इस बार पानी के लिए तरसना नहीं पड़ेगा।
जयपुर की सबसे बड़ी चिंता अब छूमंतर होती नजर आ रही है। बीसलपुर बांध में रिकॉर्ड जल आवक से यह स्पष्ट है कि राजधानी को इस बार पानी के लिए तरसना नहीं पड़ेगा। मॉनसून की यह मेहरबानी ना सिर्फ पर्यावरण के लिए, बल्कि आम जनजीवन और प्रशासन के लिए भी सुकून देने वाली है। जयपुर एक बार फिर मुस्कुरा रहा है – बीसलपुर की लहरों के संग।