भजनलाल हटाओ, राजस्थान बचाओ’ ट्रेंड से गरमाई सियासत : कांग्रेस ने बताया जनता की आवाज, भाजपा ने कहा पेड स्टंट

राजस्थान की राजनीति एक बार फिर सोशल मीडिया की लहर पर सवार होकर गरमा गई है। इस बार विवाद की जड़ है ट्विटर (अब X) पर वायरल होता एक हैशटैग – ‘भजनलाल हटाओ, राजस्थान बचाओ’। बीती रात से शुरू हुआ यह ट्रेंड कुछ ही घंटों में सोशल

EDITED BY: Kamlesh Sharma

UPDATED: Monday, July 7, 2025

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राजस्थान की राजनीति एक बार फिर सोशल मीडिया की लहर पर सवार होकर गरमा गई है। इस बार विवाद की जड़ है ट्विटर (अब X) पर वायरल होता एक हैशटैग – ‘भजनलाल हटाओ, राजस्थान बचाओ’।

बीती रात से शुरू हुआ यह ट्रेंड कुछ ही घंटों में सोशल मीडिया पर छा गया, जिससे सियासी गलियारों में खलबली मच गई। कांग्रेस इसे जनता की आवाज बता रही है, तो वहीं बीजेपी इसे विपक्ष का पेड स्टंट करार दे रही है।


रात 9 बजे से सोशल मीडिया पर छाया ट्रेंड


शनिवार रात करीब 9 बजे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर ‘#भजनलाल_हटाओ_राजस्थान_बचाओ’ ट्रेंड करने लगा। कुछ ही घंटों में इस हैशटैग के तहत 3.75 लाख से अधिक पोस्ट्स हो गईं। इसके साथ ही ‘भजनलाल इस्तीफा दो’ जैसे हैशटैग भी दिखने लगे।

रात से सुबह तक यह ट्रेंड राजस्थान की डिजिटल राजनीति में सबसे ज्यादा चर्चित विषय बन गया। इस सोशल मीडिया मुहिम के बाद कांग्रेस पार्टी इस पूरे घटनाक्रम को जनता की नाराज़गी से जोड़ते हुए बीजेपी सरकार पर हमलावर हो गई है। वहीं, भाजपा ने कांग्रेस पर पेड ट्रेंड चलवाने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह एक “सोच-समझकर रची गई डिजिटल साजिश” है।


कांग्रेस बोली – यह ट्रेंड नहीं, आम जनता की पीड़ा


कांग्रेस के प्रदेश महासचिव स्वर्णिम चतुर्वेदी ने इस ट्रेंड पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह केवल कोई वर्चुअल मुहिम नहीं, बल्कि प्रदेश की जनता की आवाज है। उन्होंने कहा, “आज बिजली, पानी, सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए लोग तरस रहे हैं।

ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहरी आबादी तक हर कोई वर्तमान सरकार से निराश है। इसी हताशा की वजह से लोग अब सोशल मीडिया को अपनी आवाज़ बनाने लगे हैं।” चतुर्वेदी ने यह भी कहा कि इस सरकार की असफलताओं के कारण जनता का धैर्य जवाब दे चुका है, और अब वह डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के ज़रिए सत्ताधारी पार्टी के खिलाफ विरोध दर्ज करवा रही है।

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बीजेपी का पलटवार – “यह पेड ट्रेंड, जनता हमारे साथ”


कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार करते हुए भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता लक्ष्मीकांत भारद्वाज ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, “कांग्रेस राजस्थान में कहीं भी नहीं है। हाल ही के उपचुनावों में सात में से पांच सीटें बीजेपी ने जीतीं, पंचायत राज चुनावों में भी बीजेपी ने 35 में से 27 स्थानों पर जीत हासिल की।

यह साफ संकेत है कि जनता का विश्वास मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और बीजेपी सरकार पर है।” भारद्वाज ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस पेड सोशल मीडिया एजेंसियों के माध्यम से भ्रम फैलाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पास न तो कोई नीति है, न ही कोई मुद्दा। इसलिए अब वह डिजिटल मीडिया में झूठे ट्रेंड्स के सहारे राजनीतिक रोटियाँ सेंकने की कोशिश कर रही है।


भाजपा का जवाबी हैशटैग – “भजनलाल है तो भरोसा है”


जहां एक ओर ‘भजनलाल हटाओ’ ट्रेंड चला, वहीं भाजपा ने जवाबी मुहिम छेड़ते हुए ‘#भजनलाल_है_तो_भरोसा_है’ हैशटैग लॉन्च कर दिया। बीजेपी समर्थक और आईटी सेल के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में इस हैशटैग के साथ पोस्ट करने लगे, जिसमें मुख्यमंत्री की योजनाओं, घोषणाओं और उपलब्धियों को गिनाया गया।

बीजेपी आईटी सेल का मानना है कि कांग्रेस डिजिटल राजनीति में खोखली लोकप्रियता दिखाकर अपने खोए जनाधार को पुनः हासिल करने की कोशिश कर रही है, जबकि जमीनी सच्चाई इससे बिल्कुल उलट है।


क्या यह सोशल मीडिया मुहिम चुनावी रणनीति का हिस्सा है?


राजस्थान में पिछले कुछ समय से बिजली संकट, पानी की किल्लत और कानून-व्यवस्था के सवालों को लेकर आम जन असंतोष ज़ाहिर कर रहे हैं। ऐसे में विपक्ष इन मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने की रणनीति बना रहा है, जिसमें सोशल मीडिया अब एक बड़ा हथियार बन गया है।

विश्लेषकों का मानना है कि यह ट्रेंड केवल जनता की भावनाओं का प्रकटीकरण नहीं, बल्कि एक योजनाबद्ध सियासी अभियान भी हो सकता है, जो आगामी निकाय और पंचायत चुनावों की भूमिका तय कर सकता है।


विरोध और समर्थन का मंच सोशल मीडिया


राजनीति में सोशल मीडिया अब सिर्फ प्रचार का माध्यम नहीं, बल्कि एक सशक्त विरोध और समर्थन का मंच बन चुका है। ‘भजनलाल हटाओ, राजस्थान बचाओ’ ट्रेंड ने यह साबित कर दिया है कि राजस्थान की सियासत अब केवल मैदान में नहीं, बल्कि डिजिटल रणभूमि पर भी लड़ी जा रही है।

यह ट्रेंड भले ही किसी पार्टी की रणनीति हो या जनता का आक्रोश – फिलहाल तो राजस्थान की सियासी गर्मी और तेज हो गई है।