राजस्थान में फ्री बिजली और टोल खत्म? बेनीवाल के ऐलान से मचा बवाल, सोशल मीडिया पर घिरी RLP

राजस्थान की राजनीति में एक बार फिर आरएलपी सांसद हनुमान बेनीवाल अपने बयानों को लेकर चर्चा में हैं। जयपुर के शहीद स्मारक पर एसआई भर्ती परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर चल रहे धरने में भाग लेने पहुंचे बेनीवाल ने ऐसा बयान दिया, जिसने न सिर्फ

EDITED BY: Kamlesh Sharma

UPDATED: Tuesday, July 8, 2025

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राजस्थान की राजनीति में एक बार फिर आरएलपी सांसद हनुमान बेनीवाल अपने बयानों को लेकर चर्चा में हैं। जयपुर के शहीद स्मारक पर एसआई भर्ती परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर चल रहे धरने में भाग लेने पहुंचे बेनीवाल ने ऐसा बयान दिया, जिसने न सिर्फ सियासी गलियारों में हलचल मचा दी, बल्कि सोशल मीडिया पर भी तीखी प्रतिक्रियाएं शुरू हो गईं।


“तीन विधायक थे, तब भी काबू नहीं था… अब तो एक भी नहीं”


धरनास्थल पर मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए हनुमान बेनीवाल ने खुद को एक ऐसे बागी नेता के रूप में प्रस्तुत किया, जो किसी भी सत्ता या पद पर निर्भर नहीं है। उन्होंने कहा, “जब मेरे तीन विधायक थे, तब भी काबू नहीं आ रहा था, और जब एक था तो भी नहीं आया।

अब एक भी नहीं है, फिर भी काबू नहीं आ रहा हूं।” इस बयान को कई लोग आत्मविश्वास का प्रदर्शन मान रहे हैं, तो कुछ इसे सत्ता की मर्यादा का मखौल बता रहे हैं।


“20-30 विधायक आ जाएं तो सब फ्री कर देंगे”


अपने भाषण में बेनीवाल ने ऐसा सपना दिखाया, जिसने कुछ समर्थकों को जोश से भर दिया तो विरोधियों को भड़कने का मौका भी मिल गया। उन्होंने कहा, “अगर मेरे पास 20, 30, 50, 60 विधायक आ गए तो फिर बहुत बड़ा बदलाव आ जाएगा।

कागज लेकर आ जाना, जो भी काम कहोगे अपने आप हो जाएगा। ना किसान का कर्जा रहेगा, ना बिजली के बिल भरने पड़ेंगे, ना टोल देना पड़ेगा और ना ही संघर्ष करना पड़ेगा।” बेनीवाल का यह बयान एक आदर्श लोकलुभावन राजनीति की मिसाल तो जरूर बनता है, लेकिन साथ ही यह प्रशासनिक और वित्तीय जिम्मेदारियों की अनदेखी के आरोपों को भी न्योता देता है।


“राजस्थान में ना बहन-बेटियों की चीख सुनाई देगी, ना गुंडागर्दी होगी”


सुरक्षा और महिला सशक्तिकरण की बात करते हुए बेनीवाल ने वादा किया कि उनकी पार्टी की सरकार आने पर किसी अबला बहन-बेटी की चीख सुनाई नहीं देगी और ना ही कोई गुंडा-बदमाश निर्दोषों को परेशान करेगा। उनका दावा था कि कानून-व्यवस्था की स्थिति पूरी तरह सुधर जाएगी और राजस्थान में एक नई व्यवस्था कायम होगी।


सोशल मीडिया पर घिरी RLP, यूजर्स ने सुनाई खरी-खोटी

हनुमान बेनीवाल के इस भाषण का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही प्रतिक्रियाओं का तूफान आ गया। कई यूजर्स ने उनके बयानों को गैरजिम्मेदाराना और अव्यवहारिक बताया।

@rockygajendra ने लिखा, “सब कहने की बातें हैं। सरकार चलाने के नियम कायदे बने हुए हैं। उसके बाहर कोई नहीं जा सकता है, चाहे कांग्रेस हो, बीजेपी हो या नेता जी का दल। पंजाब में अकालियों ने 4 साल बिजली-पानी फ्री किया था, सरकार दिवालिया होने के स्तर पर आ गई थी।”

वहीं @pradhanji007 ने कटाक्ष करते हुए लिखा, “इसलिए ही तो नहीं आएंगे 30 विधायक, जनता जानती है कि फिर किस लेवल की गुंडागर्दी होगी।”

एक अन्य यूजर @Engineerfaltu ने तीखी टिप्पणी करते हुए लिखा, “बेनीवाल जी की बातों का सारांश ये है कि राजस्थान को बर्बाद कर देंगे।”


लोकलुभावन वादों का खतरा, क्या यह जिम्मेदार राजनीति है?


विशेषज्ञों का मानना है कि लोकतंत्र में लोकलुभावन वादे एक हद तक समझ में आते हैं, लेकिन जब ये वादे प्रशासनिक क्षमता और राज्य की आर्थिक स्थिरता को नजरअंदाज करते हैं, तब यह गंभीर चिंता का विषय बन जाते हैं।

बेनीवाल के बिजली, टोल और कर्ज माफी जैसे दावे वित्तीय नीति के उस ढांचे को चुनौती देते हैं जो राज्य को आर्थिक रूप से स्थिर रखने के लिए जरूरी होता है।


क्या इस बयान से बढ़ेगी RLP की ताकत या होगा नुकसान?


राजनीतिक विश्लेषकों की राय बंटी हुई है। कुछ का मानना है कि बेनीवाल का यह बयान उनकी जनप्रियता को मजबूत करेगा, खासकर ग्रामीण और किसान वर्ग में। वहीं दूसरी ओर, यह भी कहा जा रहा है कि इस तरह के अतिरंजित वादे उन्हें गंभीर राजनेता के रूप में स्थापित करने में बाधा बन सकते हैं।

कुल मिलाकर, हनुमान बेनीवाल का यह बयान उन्हें एक बार फिर सुर्खियों में ले आया है। अब देखना यह होगा कि जनता इन वादों को भावुक अपील मानती है या गैरजिम्मेदार राजनीतिक स्टंट।

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