SBI FD vs पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट: कौन देता है ज्यादा ब्याज? पैसा कितने साल में डबल होगा, जानें गणित

यदि आप सुरक्षित और सुनिश्चित रिटर्न वाला निवेश विकल्प तलाश रहे हैं तो भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) और पोस्ट ऑफिस की टाइम डिपॉजिट स्कीम दोनों ही लोकप्रिय योजनाएं हैं। लेकिन निवेश से पहले यह जानना जरूरी है कि किस विकल्प में कितनी ब्याज

EDITED BY: Kamlesh Sharma

UPDATED: Sunday, June 22, 2025

SBI FD vs पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट

यदि आप सुरक्षित और सुनिश्चित रिटर्न वाला निवेश विकल्प तलाश रहे हैं तो भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) और पोस्ट ऑफिस की टाइम डिपॉजिट स्कीम दोनों ही लोकप्रिय योजनाएं हैं।

लेकिन निवेश से पहले यह जानना जरूरी है कि किस विकल्प में कितनी ब्याज दर मिल रही है, कहां टैक्स छूट का लाभ है और किस योजना में आपका पैसा जल्दी दोगुना हो सकता है।

SBI फिक्स्ड डिपॉजिट की ब्याज दरें

SBI ने हाल ही में अपने एफडी रेट्स में कुछ बदलाव किए हैं। फिलहाल बैंक 1 वर्ष तक की एफडी पर 6.8 प्रतिशत, 2 वर्ष तक की एफडी पर 7 प्रतिशत और 3 से 5 वर्ष की एफडी पर 6.75 से 6.5 प्रतिशत तक ब्याज दे रहा है। वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह दरें 0.50 प्रतिशत अधिक हैं, जिससे उन्हें अधिक रिटर्न मिलता है।

पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट की ब्याज दरें

सरकारी गारंटी वाली पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट स्कीम की ब्याज दरें तिमाही आधार पर तय होती हैं। अप्रैल से जून 2025 तिमाही के लिए 1 वर्ष की डिपॉजिट पर 6.9 प्रतिशत, 2 वर्ष पर 7 प्रतिशत, 3 वर्ष पर 7.1 प्रतिशत और 5 वर्ष की डिपॉजिट पर 7.5 प्रतिशत ब्याज मिल रहा है। यह दरें SBI की एफडी से अधिक हैं, खासतौर पर लंबी अवधि के निवेश के मामले में।

कहां पैसा जल्दी होगा डबल

किसी भी निवेश में पैसा कितने समय में दोगुना होगा, यह जानने के लिए 72 के नियम का उपयोग किया जाता है। इस नियम के अनुसार 72 को ब्याज दर से भाग दें।

उदाहरण के लिए, यदि ब्याज दर 7 प्रतिशत है तो पैसा लगभग 10.28 वर्षों में दोगुना होगा। पोस्ट ऑफिस की 7.5 प्रतिशत ब्याज दर को देखते हुए वहां पैसा लगभग 9.6 वर्षों में दोगुना हो सकता है, जबकि SBI एफडी की 6.5 प्रतिशत दर के अनुसार इसमें लगभग 11 वर्षों का समय लग सकता है।

टैक्स छूट और सुरक्षा

दोनों योजनाएं टैक्सेबल हैं लेकिन पोस्ट ऑफिस की 5 वर्ष की टाइम डिपॉजिट और SBI की टैक्स सेविंग एफडी आयकर अधिनियम की धारा 80C के अंतर्गत टैक्स छूट प्रदान करती हैं। दोनों योजनाओं में निवेश की सुरक्षा भी पर्याप्त है। SBI एफडी बैंकिंग नियमन अधिनियम के तहत और पोस्ट ऑफिस डिपॉजिट केंद्र सरकार की गारंटी के अंतर्गत सुरक्षित माने जाते हैं।

प्रीमैच्योर विथड्रॉल की शर्तें

SBI एफडी में पूर्व समय पर राशि निकालने पर आमतौर पर 0.5 से 1 प्रतिशत तक की ब्याज दर में कटौती की जाती है। वहीं पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट में 6 महीने पूरे होने के बाद ही पैसे निकाले जा सकते हैं और उस पर कम ब्याज दर लागू होती है।

किसे चुनें – SBI FD या पोस्ट ऑफिस TD

यदि आप लंबी अवधि के लिए निवेश कर रहे हैं और सरकारी सुरक्षा के साथ उच्च ब्याज दर चाहते हैं तो पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट बेहतर विकल्प हो सकता है। वहीं यदि आप सुविधा, लिक्विडिटी और बैंकिंग सेवाओं को प्राथमिकता देते हैं तो SBI की एफडी योजनाएं आपके लिए उपयुक्त हैं।

फायदे व सीमाएं समझें

दोनों योजनाओं के अपने फायदे और सीमाएं हैं। पोस्ट ऑफिस की डिपॉजिट में ब्याज दरें थोड़ी अधिक हैं और सुरक्षा सरकारी गारंटी से जुड़ी हुई है।

दूसरी ओर, SBI एफडी में सुविधा, ऑनलाइन प्रबंधन और विशेष योजनाओं का लाभ उपलब्ध होता है। निवेश से पहले अपनी जरूरत, अवधि, टैक्स स्थिति और सुविधा के आधार पर सही विकल्प का चयन करना ही समझदारी होगी।