Rajasthan Pension Scheme: राजस्थान प्रदेश में भजनलाल सरकार ने एक महत्वपूर्ण और सराहनीय कदम उठाया है। प्रदेश में वृद्धजनों के लिए चलाई जा रही सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत दी जाने वाली पेंशन में अब 100 रुपये की बढ़ोतरी कर दी गई है। इस फैसले की घोषणा राज्य सरकार ने बजट सत्र 2025–26 के दौरान की। इससे पहले वृद्धजनों को प्रतिमाह 1150 रुपये की पेंशन मिलती थी, जिसे अब बढ़ाकर 1250 रुपये कर दिया गया है। यह निर्णय राज्य सरकार की संवेदनशील और समर्पित सोच को दर्शाता है, जो बुजुर्गों के सम्मानजनक जीवन की दिशा में एक बड़ा कदम है।
1250 रुपये प्रतिमाह से मिलेगा संबल
राजस्थान सरकार द्वारा बढ़ाई गई यह पेंशन राशि बुजुर्गों के लिए एक सशक्त सहारा साबित होगी। अधिकांश वृद्धजन अपने जीवन की इस अवस्था में आय के किसी स्थायी स्रोत से वंचित रहते हैं और उनका मुख्य आधार यही वृद्धावस्था पेंशन होती है। ऐसे में 100 रुपये की यह बढ़ोतरी आर्थिक रूप से मामूली दिख सकती है, लेकिन बुजुर्गों के लिए यह न केवल संबल बल्कि सरकार की ओर से संवेदना का प्रतीक भी है।
लाखों वृद्धजनों को होगा सीधा लाभ
राज्य के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में लाखों ऐसे बुजुर्ग हैं, जो सरकार द्वारा प्रदत्त वृद्धावस्था पेंशन पर ही निर्भर हैं। इनमें वे लोग भी शामिल हैं जो एकाकी जीवन जी रहे हैं या जिनके परिवारजन उन्हें सहयोग नहीं कर पाते। इस फैसले से राज्यभर के वृद्धजनों को सीधा लाभ मिलेगा। अनुमान के अनुसार, राजस्थान में लगभग 65 लाख वृद्धजन सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं से लाभान्वित होते हैं। अब उन्हें प्रतिमाह 1250 रुपये की आर्थिक सहायता प्राप्त होगी।
दिव्यांगजन भी सरकार की प्राथमिकता में
राजस्थान सरकार सिर्फ वृद्धजनों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि दिव्यांगजनों को लेकर भी सरकार लगातार सकारात्मक प्रयास कर रही है। दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के लिए सरकार ने पेंशन योजनाओं के अलावा रोजगार, शिक्षा, चिकित्सा और आवागमन से जुड़ी विभिन्न योजनाएं चलाई हैं। इन योजनाओं का उद्देश्य दिव्यांगजनों को मुख्यधारा में शामिल करना और उन्हें सामाजिक सम्मान दिलाना है।
वित्तीय भार के बावजूद संवेदनशील निर्णय
राज्य की आर्थिक स्थिति को देखते हुए पेंशन में बढ़ोतरी करना कोई आसान निर्णय नहीं था। फिर भी सरकार ने सामाजिक दृष्टिकोण से इस मुद्दे को प्राथमिकता दी और यह साबित कर दिया कि वह विकास के साथ-साथ मानवीय मूल्यों की भी चिंता करती है। वृद्धजनों की पेंशन में यह बढ़ोतरी सरकार की उन योजनाओं का हिस्सा है, जिनका उद्देश्य सामाजिक न्याय और कल्याणकारी राज्य की भावना को मजबूत करना है।
बुजुर्गों के चेहरे पर लौटी मुस्कान
सरकार के इस फैसले से पूरे राज्य में वृद्धजनों के चेहरे पर नई मुस्कान लौट आई है। यह पेंशन उन्हें सिर्फ आर्थिक सहारा ही नहीं देती, बल्कि यह उनके जीवन की सामाजिक स्वीकार्यता और गरिमा को भी बनाए रखती है। कई बुजुर्गों ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि सरकार ने उनके दुख को समझा है और उन्हें मान दिया है।
राजनीति नहीं, जननीति का परिणाम
भजनलाल सरकार का यह निर्णय राजनीति से अधिक जननीति का उदाहरण है। इस तरह के निर्णय जनता के साथ एक आत्मीय संवाद स्थापित करते हैं और यह भरोसा दिलाते हैं कि सरकार सिर्फ वोट के लिए नहीं, बल्कि वास्तव में जनहित के लिए काम कर रही है। वृद्धजनों को दी गई यह सौगात राज्य सरकार के सामाजिक कल्याण के प्रति संकल्पबद्धता का प्रमाण है।
सशक्त और संवेदनशील राजस्थान की ओर
राजस्थान प्रदेश में वृद्धावस्था पेंशन में की गई यह बढ़ोतरी न केवल आर्थिक रूप से मददगार है, बल्कि यह सामाजिक न्याय और आत्मसम्मान की दिशा में एक मजबूत कदम भी है। इस फैसले से न केवल वृद्धजनों को राहत मिलेगी, बल्कि पूरे समाज में बुजुर्गों के प्रति संवेदनशीलता भी बढ़ेगी। भजनलाल सरकार ने यह सिद्ध कर दिया है कि एक कल्याणकारी शासन वही होता है, जो समाज के सबसे कमजोर वर्ग की चिंता पहले करता है। राज्य के बुजुर्ग अब न सिर्फ आर्थिक रूप से थोड़ा अधिक सक्षम होंगे, बल्कि उन्हें यह भी एहसास होगा कि सरकार उनके साथ है।