राजस्थान में पहली बार BNS की धारा 111 में FIR, लॉरेंस गैंग पर बड़ी गाज

पुलिस ने संगठित अपराध पर शिकंजा कसने के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और उसकी पूरी गैंग के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 111 के तहत प्राथमिकी दर्ज की है। यह राजस्थान में इस नई धारा के तहत दर्ज की गई

EDITED BY: Kamlesh Sharma

UPDATED: Thursday, July 10, 2025

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पुलिस ने संगठित अपराध पर शिकंजा कसने के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और उसकी पूरी गैंग के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 111 के तहत प्राथमिकी दर्ज की है।

यह राजस्थान में इस नई धारा के तहत दर्ज की गई पहली FIR मानी जा रही है, जिससे राज्य में अपराधियों के खिलाफ कानून का शिकंजा और कसने की तैयारी है।


FIR में दर्ज हुए कई गैंगस्टर्स के नाम


झोटवाड़ा थाना क्षेत्र में दर्ज इस प्राथमिकी में लॉरेंस बिश्नोई के अलावा उसके कई प्रमुख सहयोगियों के नाम शामिल हैं। इनमें अनमोल बिश्नोई, रोहित गोदारा, अमरजीत और अन्य कुख्यात गैंग सदस्य शामिल हैं। पुलिस के अनुसार, यह केवल एक एफआईआर नहीं, बल्कि संगठित अपराध के नेटवर्क को ध्वस्त करने की दिशा में एक रणनीतिक शुरुआत है।

इस एफआईआर का विशेष उद्देश्य यह है कि अगर कोई व्यक्ति इस गैंग के किसी भी सदस्य के साथ संपर्क में पाया जाता है, तो उसे इसी प्राथमिकी के तहत गिरफ्तार किया जा सकेगा। यह संदेश अपराधियों और उनके मददगारों दोनों के लिए है कि राज्य में अब ऐसी गतिविधियों के लिए कोई स्थान नहीं बचा है।


तीन आरोपियों को किया गया गिरफ्तार


एफआईआर दर्ज करने के साथ ही पुलिस ने कार्रवाई को अमलीजामा पहनाते हुए लॉरेंस गैंग के तीन सक्रिय सदस्यों – सूरज, इमरान और भवानी – को गिरफ्तार कर लिया है। जयपुर पश्चिम के डीसीपी अमित कुमार बुडानिया ने इस बात की पुष्टि करते हुए बताया कि ये तीनों आरोपी सीधे गैंग के संपर्क में थे और उसकी आपराधिक गतिविधियों को संचालित करने में अहम भूमिका निभा रहे थे।

पुलिस की इस कार्रवाई को लॉरेंस गैंग की बढ़ती सक्रियता पर लगाम लगाने के तौर पर देखा जा रहा है, जो हाल के महीनों में राजस्थान में व्यापारियों, बिल्डरों और राजनेताओं को धमकाने जैसी घटनाओं में शामिल रहा है।


BNS धारा 111: संगठित अपराध के खिलाफ नया कानूनी हथियार


भारतीय दंड संहिता (IPC) की जगह लागू की गई भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 111 एक महत्वपूर्ण प्रावधान है, जो संगठित अपराध से जुड़े नेटवर्क पर सामूहिक रूप से कार्रवाई करने का अधिकार पुलिस को देता है।

यह धारा विशेष रूप से ऐसे अपराधियों या समूहों के लिए बनाई गई है जो संगठित रूप से भय, हिंसा, धमकी और जबरन वसूली जैसे अपराधों में संलिप्त होते हैं। राजस्थान में इस धारा के तहत यह पहली प्राथमिकी है और इससे भविष्य में होने वाली कानूनी कार्रवाइयों का स्वरूप और भी व्यापक होने की संभावना है।

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह कानून न केवल मुख्य अपराधियों, बल्कि उनके नेटवर्क से जुड़े हर व्यक्ति तक पहुंचने में सक्षम होगा।


राज्य में संगठित अपराध पर लगेगी लगाम


जयपुर पुलिस की यह कार्रवाई केवल एक कानूनी पहल नहीं, बल्कि एक कड़ा संदेश है कि संगठित अपराध की कोई भी शाखा अब राज्य में पनप नहीं सकेगी। लॉरेंस गैंग जैसे नेटवर्क को खत्म करने के लिए पुलिस अब तकनीकी निगरानी, खुफिया सूचना तंत्र और कड़े कानूनी प्रावधानों का सहारा ले रही है।

राज्य पुलिस का मानना है कि जब अपराधियों के सहयोगी भी इस तरह की कार्रवाइयों की जद में आएंगे, तो संगठित अपराध की रीढ़ टूटेगी और आम लोगों में सुरक्षा की भावना मजबूत होगी। इसके साथ ही पुलिस को स्थानीय स्तर पर भी उन लोगों की पहचान और निगरानी में मदद मिलेगी, जो इन गैंगों के लिए सूचनाएं या संसाधन मुहैया कराते हैं।


अपराधियों में कानून का भय जरूरी


जयपुर पुलिस की यह पहल कानून के उस उद्देश्य को स्पष्ट करती है, जहां केवल अपराध करने वालों पर नहीं, बल्कि अपराध को समर्थन देने वालों पर भी समान रूप से कार्रवाई की जाती है। पुलिस अधिकारियों का मानना है कि जब तक अपराधियों के लिए सुरक्षा के पीछे खड़े लोगों को नहीं तोड़ा जाएगा, तब तक संगठित अपराध की जड़ें सूख नहीं सकतीं।

इस कार्रवाई से न केवल राजस्थान, बल्कि देशभर की पुलिस एजेंसियों को एक मिसाल मिलेगी कि कैसे नए कानूनी प्रावधानों का प्रभावी उपयोग कर संगठित अपराध को समाप्त किया जा सकता है।


गैंग तोड़ने के लिए शिकंजा कस रही पुलिस


जयपुर पुलिस द्वारा BNS की धारा 111 के तहत की गई यह पहल राजस्थान में संगठित अपराध के खिलाफ एक निर्णायक मोड़ साबित हो सकती है। लॉरेंस बिश्नोई और उसकी गैंग के खिलाफ उठाया गया

यह कदम न केवल राज्य में अपराध पर लगाम कसने की दिशा में कारगर साबित होगा, बल्कि कानून के प्रति आम नागरिकों के विश्वास को भी मजबूत करेगा। आने वाले समय में इस कार्रवाई के दूरगामी परिणाम देखने को मिल सकते हैं।

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