राजस्थान की सियासत एक बार फिर गर्मा गई है, और इस बार केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच जुबानी जंग ने तूल पकड़ लिया है। संजीवनी घोटाले को लेकर दोनों नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गए हैं।
गजेंद्र सिंह शेखावत ने गहलोत पर उनकी स्वर्गीय माताजी के अपमान का आरोप लगाया, जिसके जवाब में गहलोत ने पलटवार करते हुए साफ कहा कि वे माफी नहीं मांगेंगे, क्योंकि गुनाह उन्होंने नहीं, बल्कि शेखावत ने किया है।
‘शेखावत निर्दोष हैं तो पीड़ितों के पास चलें’ – गहलोत
रविवार को जयपुर में मीडिया से बातचीत करते हुए अशोक गहलोत ने गजेंद्र सिंह के बयान को खारिज कर दिया और कहा कि “माफी मांगने का सवाल ही नहीं उठता। माफी कौन मांग रहा है? गुनाह तो उन्होंने किया है। सैकड़ों लोगों की गाढ़ी कमाई डूब गई, और अब वो खुद को पीड़ित बता रहे हैं।”
गहलोत ने यह भी कहा कि यदि शेखावत निर्दोष हैं, तो वे उनके साथ मिलकर उन पीड़ितों के पास चलने को तैयार हैं, जिन्होंने संजीवनी घोटाले में अपनी पूंजी गंवाई है।
‘सरकार बदलते ही क्लीन चिट कैसे मिल गई?’
गहलोत ने बीजेपी सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य में सत्ता बदलते ही दो महीने के अंदर संजीवनी घोटाले की जांच रिपोर्ट बदल दी गई और शेखावत को क्लीन चिट दे दी गई। उन्होंने पूछा कि जब सौ से ज्यादा एफआईआर दर्ज थीं, तो शेखावत को हाईकोर्ट जाने की जरूरत क्यों पड़ी?
उन्होंने कहा कि “जब एसओजी की जांच में दोष सिद्ध हुआ था, तब केस दबाने और रिपोर्ट बदलने की जल्दबाजी क्यों दिखाई गई?”
‘हमारी नीयत खराब होती, तो आज कई लोग जेल में होते’
गहलोत ने कांग्रेस सरकार की जांच प्रक्रिया को ईमानदार बताते हुए कहा कि “हमारी नीयत खराब होती तो दो महीने में सबको जेल भिजवा देते। लेकिन हमने दो साल तक कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए जांच करवाई।”
उन्होंने कहा कि एसओजी ने शेखावत और उनके परिवार के लोगों को घोटाले में लिप्त बताया था और उसी के आधार पर उन्होंने बयान दिए थे। अगर हाईकोर्ट में मामला न गया होता, तो न्याय प्रक्रिया और आगे बढ़ सकती थी।
‘अपने ही समाज को धोखा दिया’
अशोक गहलोत ने शेखावत पर समाजिक स्तर पर भी गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि “गजेंद्र सिंह शेखावत राजपूत समाज से हैं और इस घोटाले में सबसे ज्यादा नुकसान उनके ही समाज के लोगों को हुआ है।
कई परिवारों ने गहने गिरवी रखकर पैसा लगाया था, और अब वे न्याय के लिए दर-दर भटक रहे हैं।” गहलोत ने कहा कि शेखावत और उनके परिवार के सदस्य लगातार इस योजना को प्रमोट करते रहे, जबकि बाद में यह एक बड़ा वित्तीय घोटाला बन गया।
‘आज उनकी माताजी भी सोचती होंगी…’
गहलोत का सबसे तीखा बयान तब आया जब उन्होंने कहा कि “आज स्वर्ग में उनकी माताजी भी सोचती होंगी कि उनके नाम का इस्तेमाल कर लोगों को ठगा गया। जनता के साथ इतना बड़ा छल करना अमानवीय है और इसमें कोई नैतिकता नहीं बचती।”
राजनीतिक गरमा-गरमी तेज, लेकिन सवाल बरकरार
राजनीतिक बयानबाज़ी के इस दौर में जनता के उन सवालों का जवाब अब भी अधूरा है जो संजीवनी घोटाले से पीड़ित हैं। गहलोत के तर्कों में जांच और तथ्यों का हवाला है, वहीं शेखावत इसे व्यक्तिगत अपमान का मुद्दा बना रहे हैं।
अब देखना यह है कि क्या यह सियासी संग्राम जांच को नई दिशा देगा या एक बार फिर आरोप-प्रत्यारोपों में ही सिमट कर रह जाएगा। फिलहाल इतना तय है कि यह विवाद जल्द थमता नजर नहीं आ रहा।