हरियाणा के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले मेधावी छात्रों के लिए एक बेहद सकारात्मक और ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। राज्य सरकार ने घोषणा की है कि अब सरकारी स्कूलों के टॉपर्स को JEE और NDA जैसी प्रतिष्ठित प्रतियोगी परीक्षाओं की मुफ्त कोचिंग दी जाएगी।
इस पायलट योजना का उद्देश्य राज्य के उन होनहार छात्रों को बेहतर अवसर देना है, जो आर्थिक संसाधनों के अभाव में आगे नहीं बढ़ पाते। यह पहल शैक्षणिक समानता और प्रतिभा को पहचानने की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
मेधावी छात्रों को मिलेगा राष्ट्रीय स्तर पर आगे बढ़ने का अवसर
हरियाणा के शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने इस महत्वाकांक्षी योजना की जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि सरकारी स्कूलों के प्रतिभाशाली छात्रों को राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाओं में सफलता पाने का हर संभव मौका मिले।
इसके लिए उन्हें जेईई (जॉइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन), एनडीए (नेशनल डिफेंस एकेडमी) और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए फ्री कोचिंग दी जाएगी। इस कोचिंग का संचालन स्कूल के नियमित समय के बाद किया जाएगा और इसमें वही अनुभवी शिक्षक शामिल होंगे जो पहले से ही सरकारी स्कूलों में सेवाएं दे रहे हैं।
सरकार का मानना है कि यह व्यवस्था विद्यार्थियों के लिए अधिक प्रभावशाली और आत्मीय होगी क्योंकि वे उन्हीं शिक्षकों से पढ़ेंगे जिनके साथ उनका पहले से तालमेल है।
समान अवसर और गुणवत्ता शिक्षा की दिशा में अहम कदम
इस पायलट प्रोजेक्ट का उद्देश्य केवल परीक्षा में सफलता दिलाना नहीं, बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता और सुलभता दोनों को बेहतर बनाना है। आज भी कई मेधावी छात्र महंगी कोचिंग फीस के चलते जेईई या एनडीए की तैयारी करने से वंचित रह जाते हैं। सरकार की यह पहल इस अंतर को पाटने का प्रयास है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि यदि यह पायलट प्रोजेक्ट सफल होता है, तो इसे पूरे राज्य में लागू किया जाएगा। इसका सीधा फायदा उन हजारों छात्रों को मिलेगा जो आर्थिक रूप से सक्षम नहीं हैं लेकिन प्रतिभा में किसी से कम नहीं हैं।
स्कूली शिक्षकों की भूमिका और समयबद्ध कोचिंग सत्र
कोचिंग सत्र स्कूल के समय के बाद चलाए जाएंगे। खास बात यह है कि इन सत्रों को सरकारी स्कूलों के ही अनुभवी शिक्षक संचालित करेंगे। इससे न केवल शिक्षकों की जिम्मेदारी और संलग्नता बढ़ेगी, बल्कि विद्यार्थियों को भी अपने शिक्षकों से बेहतर मार्गदर्शन मिलेगा। इससे पढ़ाई का स्तर और आत्मविश्वास दोनों में वृद्धि की उम्मीद की जा रही है।
पैरेंट्स-टीचर मीटिंग होगी नियमित
हरियाणा सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में एक और ठोस कदम उठाते हुए यह घोषणा की है कि अब सरकारी स्कूलों में भी नियमित रूप से पैरेंट्स-टीचर मीटिंग (PTM) आयोजित की जाएगी। यह व्यवस्था अभी तक निजी स्कूलों में ही अधिक देखने को मिलती थी, लेकिन अब सरकारी स्कूलों में भी अभिभावकों की भागीदारी बढ़ाने की दिशा में यह पहल की जा रही है।
PTM के माध्यम से शिक्षक और अभिभावक छात्र की प्रगति पर खुलकर संवाद कर सकेंगे। यह सिर्फ परीक्षा के नतीजों तक सीमित नहीं होगा, बल्कि छात्र की शैक्षिक आवश्यकताओं, मानसिक स्थिति और आगे की तैयारी पर भी चर्चा की जाएगी। इससे विद्यार्थी के सर्वांगीण विकास में मदद मिलेगी।
शिक्षा क्षेत्र में सुधार की नई लहर
हरियाणा सरकार का यह कदम दिखाता है कि वह केवल स्कूलों की संख्या या भौतिक सुविधाओं पर नहीं, बल्कि शैक्षणिक गुणवत्ता और छात्रों के भविष्य निर्माण पर भी गंभीरता से काम कर रही है।
JEE और NDA जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी देश के बड़े शहरों में रह रहे छात्रों के लिए ही आसान होती थी, लेकिन अब गांव-देहात के सरकारी स्कूलों के छात्र भी राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में भागीदारी कर सकेंगे।
सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाला कोई भी बच्चा केवल संसाधनों की कमी के कारण पीछे न रह जाए। इस योजना के जरिए न केवल छात्रों को शिक्षा मिलेगी, बल्कि उनमें आत्मविश्वास, नेतृत्व क्षमता और समर्पण की भावना भी विकसित होगी।
शिक्षा की दुनिया में नई आशा की किरण
हरियाणा सरकार की यह पहल शिक्षा की दुनिया में एक नई आशा की किरण है। यह साबित करता है कि सरकारी स्कूलों में भी बदलाव की क्षमता है, बशर्ते उन्हें दिशा, साधन और संकल्प मिल जाए।
JEE और NDA की मुफ्त कोचिंग की यह पायलट योजना निश्चित रूप से हजारों छात्रों के सपनों को पंख देगी। अगर यह प्रयोग सफल रहा, तो आने वाले वर्षों में हरियाणा देश के शिक्षा मानचित्र पर एक मजबूत और प्रेरणादायक राज्य बनकर उभर सकता है।