राजस्थान की राजधानी जयपुर एक बार फिर अपराधियों के निशाने पर है। शहर की सबसे पॉश और व्यस्त मानी जाने वाली एमआई रोड पर दिनदहाड़े हुई लूट की वारदातों ने पुलिस और आमजन की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
अमरापुर मंदिर के पास एक ही दिन में दो महिलाओं के साथ लूटपाट की घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें बदमाशों ने एक जैसी रणनीति अपनाकर उन्हें ऑटो में बैठाया और कंगन लूटकर फरार हो गए। इन दोनों मामलों में करीब छह लाख रुपये मूल्य के सोने के कंगन लूटे गए।
ऑटो में बैठाकर दिया वारदात को अंजाम
पहली घटना 30 जून को दोपहर लगभग 12:30 बजे की है, जब संगीता नंदवानी अपने बेटे के साथ अमरापुर मंदिर दर्शन के बाद मानसरोवर जाने के लिए ऑटो का इंतजार कर रही थीं। उन्होंने एक ऑटो को रोका, जिसमें पहले से दो लोग बैठे थे और चालक सहित तीन लोग हो गए।
किराया तय करने के बाद संगीता ऑटो में बैठ गईं, लेकिन कुछ ही दूरी पर पहुंचते ही चालक ने एक और व्यक्ति को बैठा लिया। ऑटो में अब चार लोग थे। थोड़ी ही देर में चारों ने मिलकर संगीता के सिर पर वार किया और उनके दोनों हाथों से करीब 40 ग्राम वजन के सोने के कंगन लूट लिए।
इसके बाद बदमाशों ने उन्हें अजमेर पुलिया के पास उतारकर फरार हो गए। संगीता को चक्कर आ गए और वह कुछ देर वहीं बैठी रहीं। बाद में उन्होंने विधायकपुरी थाने में मामला दर्ज कराया।
दूसरी महिला को भी बनाया शिकार
इसी दिन करीब डेढ़ घंटे बाद, झोटवाड़ा निवासी 56 वर्षीय हेमलता वासवानी भी अपने परिजनों के साथ अमरापुर मंदिर से लौट रही थीं। उन्होंने दोपहर एक बजे के आसपास मंदिर के सामने एक ग्रीन-यलो ऑटो रोका, जिसमें पहले से दो लोग बैठे थे।
ऑटो में बैठने के कुछ ही मिनटों में चालक ने एक और व्यक्ति को बैठा लिया। कुछ दूरी चलने के बाद ऑटो चालक ने दोनों महिलाओं को यह कहकर नीचे उतार दिया कि वह दस मिनट में वापस आएगा, लेकिन वह ऑटो लेकर भाग निकला।
हेमलता को कुछ देर बाद अहसास हुआ कि उनके हाथ का करीब 28 ग्राम वजन का सोने का कंगन गायब है। इस मामले की भी शिकायत विधायकपुरी थाने में दी गई। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर छानबीन शुरू की और कुछ संदिग्धों को हिरासत में ले लिया है।
बढ़ रही हैं सुनियोजित लूट की घटनाएं
इन दोनों वारदातों में जिस तरह बदमाशों ने ऑटो में सवारी बनकर महिलाओं को निशाना बनाया, वह साफ तौर पर यह दर्शाता है कि यह लूटपाट कोई सामान्य घटना नहीं, बल्कि एक सुनियोजित गिरोह की करतूत है। खास बात यह है कि दोनों मामलों में घटनास्थल और समय लगभग एक जैसा है, और बदमाशों की कार्यशैली भी हूबहू मेल खाती है।
महिलाओं में बढ़ा भय, पुलिस पर उठे सवाल
दिनदहाड़े हुई इन घटनाओं ने शहर की महिलाओं के बीच डर और असुरक्षा की भावना पैदा कर दी है। लोग अब सार्वजनिक ऑटो में बैठने से भी हिचक रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस को ऐसे संवेदनशील इलाकों में गश्त बढ़ानी चाहिए और ऑटो चालकों की पहचान और पंजीकरण की जांच करनी चाहिए।
पुलिस की कार्रवाई जारी
विधायकपुरी थाना पुलिस ने दोनों मामलों की रिपोर्ट दर्ज कर ली है और घटनास्थल के आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगालकर बदमाशों की पहचान में जुट गई है। पुलिस ने कुछ संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।|
पुलिस के लिए चुनौती
जयपुर जैसे शहर में, वह भी शहर की सबसे सुरक्षित मानी जाने वाली सड़क पर दिन में हुई यह वारदातें न केवल पुलिस के लिए एक चुनौती हैं, बल्कि नागरिकों के लिए एक गंभीर चेतावनी भी हैं। अब देखना होगा कि पुलिस इस ‘ऑटो गैंग’ को कितनी जल्दी पकड़ पाती है और महिलाओं की सुरक्षा के लिए क्या ठोस कदम उठाए जाते हैं।