सिर्फ 6 महीने में शेयर बना रॉकेट! अब ED की रेड में मिला लग्जरी घोटाले का सबूत

राजस्थान में एक चौंकाने वाले शेयर घोटाले का खुलासा हुआ है, जिसने निवेशकों और वित्तीय एजेंसियों को हिला कर रख दिया है। केंद्र सरकार की जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार को डेबॉक नामक कंपनी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की। जयपुर, टोंक और देवली सहित कई

EDITED BY: Kamlesh Sharma

UPDATED: Monday, July 7, 2025

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राजस्थान में एक चौंकाने वाले शेयर घोटाले का खुलासा हुआ है, जिसने निवेशकों और वित्तीय एजेंसियों को हिला कर रख दिया है। केंद्र सरकार की जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार को डेबॉक नामक कंपनी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की।

जयपुर, टोंक और देवली सहित कई जगहों पर छापेमारी के दौरान ईडी को जो सबूत मिले, वे यह संकेत देते हैं कि यह महज एक साधारण वित्तीय अनियमितता नहीं, बल्कि एक सुनियोजित और भारी-भरकम घोटाले की पटकथा है।


6 महीने में शेयर का चमत्कारी उछाल बना संदेह का केंद्र


इस घोटाले की सबसे चौंकाने वाली बात डेबॉक कंपनी के शेयरों की कीमत में हुआ असाधारण उछाल है। शुरुआती आंकड़ों के अनुसार, कंपनी के शेयर महज ₹8 से छह महीने में ₹153 तक जा पहुंचे। शेयर बाजार में इतनी तेज और अप्राकृतिक वृद्धि ने नियामक एजेंसियों का ध्यान खींचा।

शुरुआती जांच में यह साफ हुआ कि कंपनी ने शेयर कीमत बढ़ाने के लिए कृत्रिम तरकीबों और निवेशकों को भ्रमित करने वाली गतिविधियों का सहारा लिया।


ईडी की छापेमारी में खुले फर्जीवाड़े के कई राज


ईडी ने जयपुर के वैशाली नगर की लोहिया कॉलोनी में स्थित डेबॉक कंपनी के मालिक मुकेश के आवास और कार्यालय पर जब छापा मारा, तो वहां का नज़ारा जांच एजेंसियों को भी स्तब्ध कर गया। घर में एक दर्जन से ज्यादा वीवीआईपी लग्जरी गाड़ियां खड़ी मिलीं, जिनकी कीमत करोड़ों में आंकी गई है।

एक मध्यम दर्जे की कंपनी के मालिक के पास इतने महंगे वाहनों का होना संदेह को और गहरा करता है।


कंपनी के ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापे, दस्तावेज जब्त


टोंक, देवली, और जयपुर में एक साथ कई स्थानों पर हुई इस कार्रवाई में ईडी ने कंपनी के कई डिजिटल डिवाइस, बैंक रिकॉर्ड, शेयर लेन-देन से संबंधित दस्तावेज और कई मोबाइल व लैपटॉप जब्त किए।

जांच टीम अब इलेक्ट्रॉनिक डेटा की गहन जांच कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि शेयरों की कीमत को फर्जी तरीके से कैसे बढ़ाया गया, और इस पूरे नेटवर्क में और कौन-कौन शामिल है।


बढ़ती फर्जीवाड़े की प्रवृत्ति पर गंभीर संकेत


ईडी की यह कार्रवाई न केवल डेबॉक कंपनी पर केंद्रित है, बल्कि यह शेयर बाजार में लिस्टेड कंपनियों द्वारा किए जा रहे संभावित धोखाधड़ी की एक बड़ी तस्वीर को भी उजागर करती है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर इस मामले में कड़ी कार्रवाई नहीं हुई, तो यह प्रवृत्ति अन्य कंपनियों को भी गलत रास्ते अपनाने के लिए प्रेरित कर सकती है।


विलासिता की ज़िंदगी बना संदेह का कारण


डेबॉक कंपनी के मालिक के पास मिली वीआईपी लग्जरी गाड़ियों की लिस्ट देखकर ईडी अधिकारी तक चौंक गए। बगैर किसी घोषित बड़े टर्नओवर या स्पष्ट स्रोत के करोड़ों की कारों का मिलना सीधे-सीधे अवैध कमाई की तरफ इशारा करता है। इससे यह भी अंदाजा लगाया जा रहा है कि कंपनी ने शेयर मार्केट के जरिए बड़ी मात्रा में काला धन सफेद करने की कोशिश की।

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ईडी की जांच जारी, और खुलासों की संभावना प्रबल


अब तक की कार्रवाई और दस्तावेजी साक्ष्यों के आधार पर यह तय माना जा रहा है कि ईडी आने वाले दिनों में और कई बड़े खुलासे कर सकती है। संभव है कि इस पूरे नेटवर्क में कई और नाम भी सामने आएं, जो फ्रंट कंपनियों, फर्जी निवेशकों या शेयर मैनिपुलेशन में शामिल हों।


निवेशकों को चेतावनी और सतर्कता की जरूरत


इस मामले ने आम निवेशकों के लिए भी एक चेतावनी का काम किया है। शेयर बाजार में भारी मुनाफा दिखाकर कई बार निवेशकों को फंसाया जाता है। ऐसे में किसी भी कंपनी के बारे में निवेश से पहले उसकी प्रमाणिकता और पारदर्शिता की जांच जरूरी है।

राजस्थान में सामने आया यह शेयर घोटाला न केवल राज्य, बल्कि देशभर के वित्तीय नियामकों के लिए एक चेतावनी है कि वित्तीय बाजार में पारदर्शिता और जवाबदेही के लिए और अधिक सख्त निगरानी की जरूरत है।