राजस्थान की राजधानी जयपुर में स्थित सेशन कोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी मिलने के बाद प्रदेश की राजनीति गरमा गई है। इस गंभीर घटना को लेकर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला है।
उन्होंने कहा कि जब प्रदेश के न्यायालय तक असुरक्षित हो गए हैं, तब आम जनता की सुरक्षा की कल्पना करना भी मुश्किल हो गया है। जूली ने प्रदेश में कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति को लेकर सवाल खड़े करते हुए इसे जंगलराज और डर के शासन की संज्ञा दी।
सेशन कोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी ने बढ़ाई चिंता
जयपुर के सेशन कोर्ट को अज्ञात व्यक्ति द्वारा बम से उड़ाने की धमकी मिलने से पूरे प्रशासन में हड़कंप मच गया। तुरंत ही सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गईं और कोर्ट परिसर की गहन तलाशी ली गई।
हालांकि अब तक कोई विस्फोटक सामग्री बरामद नहीं हुई, लेकिन इस धमकी ने यह जरूर साबित कर दिया कि अपराधियों के हौसले किस कदर बुलंद हैं और कानून व्यवस्था की जमीनी हकीकत क्या है
टीकाराम जूली का सरकार पर तीखा वार
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने इस घटना के बहाने भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “डर के साए में राजस्थान। भाजपा राज का मतलब बन गया है- धमकी, डर और डराना। कभी मुख्यमंत्री को धमकी, कभी उपमुख्यमंत्री को, कभी कलेक्टर को, कभी कोर्ट को, तो कभी व्यापारी को जान से मारने की धमकी।
अब तो सेशन कोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी मिल रही है।” जूली का आरोप है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं बची है। उन्होंने सवाल किया कि जब प्रदेश के सबसे बड़े न्यायिक संस्थान सुरक्षित नहीं हैं, तो आम नागरिक कैसे खुद को महफूज समझें?
“जंगलराज और डर का शासन” — विपक्ष की गूंजती आवाज
टीकाराम जूली ने कहा कि राजस्थान में अब पूरी तरह जंगलराज स्थापित हो चुका है। उन्होंने आरोप लगाया कि अपराधी बेलगाम हो चुके हैं और सरकार मूकदर्शक बनी हुई है। उन्होंने कहा, “ऐसा लगता है जैसे प्रदेश में कोई नियंत्रण ही नहीं रह गया है।
कब, किसे, किस समय धमकी मिल जाए, इसका अंदाजा तक नहीं लगाया जा सकता।”विपक्षी नेता का कहना है कि हर दिन नई धमकियों की खबरें आ रही हैं, जो यह साबित करती हैं कि अपराधियों में कानून का कोई डर नहीं बचा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सिर्फ कागजों में कानून व्यवस्था का दावा कर रही है, जबकि जमीनी हकीकत उसके बिल्कुल विपरीत है।
“आखिर क्या-क्या सहेगा राजस्थान?” — जूली का भावुक सवाल
नेता प्रतिपक्ष ने भावुक लहजे में कहा, “आखिर क्या-क्या सहेगा राजस्थान?” उन्होंने कहा कि जिन संस्थानों पर लोगों का भरोसा होता है, जब वही असुरक्षित हो जाएं तो लोकतंत्र का ढांचा ही डगमगा जाता है।
उन्होंने सरकार से पूछा कि क्या अब भी वह कोई प्रतिक्रिया देने के लिए तैयार है या फिर ऐसे ही चुप्पी साधे रहेगी? जूली ने कहा कि अब समय आ गया है कि जिम्मेदार लोग सामने आकर जवाब दें और प्रदेश की जनता को यह बताएं कि उनकी सुरक्षा को लेकर क्या ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।
पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट
इस धमकी के बाद जयपुर पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने सेशन कोर्ट परिसर की सुरक्षा बढ़ा दी है। आसपास के क्षेत्रों में तलाशी अभियान चलाया गया है और संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। हालांकि अब तक धमकी देने वाले की पहचान नहीं हो सकी है, लेकिन मामले की जांच साइबर सेल और इंटेलिजेंस विभाग के हवाले कर दी गई है।
राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप के बीच जनता सहमी
इस घटना ने राजस्थान की राजनीतिक गलियारों में एक बार फिर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बहस छेड़ दी है। जहां विपक्ष सरकार को असफल बता रहा है, वहीं आम जनता इस पूरे घटनाक्रम को लेकर सहमी हुई है। जयपुर जैसे बड़े शहर में कोर्ट जैसी संवेदनशील जगह को धमकी मिलना प्रदेश के लिए चेतावनी से कम नहीं है।
अब सबकी निगाहें सरकार और सुरक्षा एजेंसियों पर टिकी हैं कि वे इस मामले में क्या ठोस कार्रवाई करती हैं। साथ ही यह सवाल भी गूंज रहा है—”क्या अब न्याय का मंदिर भी सुरक्षित नहीं बचा?”