राजस्थान के महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों को लंबे इंतजार के बाद आखिरकार स्थायी नेतृत्व मिल गया है। राज्य शिक्षा विभाग ने प्रदेशभर के 380 महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूलों के लिए प्रिंसिपलों की पदस्थापन सूची जारी कर दी है।
यह नियुक्ति आगामी शिक्षा सत्र 2025-26 की सुचारू शुरुआत सुनिश्चित करने के उद्देश्य से की गई है, ताकि इन स्कूलों में पठन-पाठन कार्य बिना किसी बाधा के प्रारंभ हो सके।
एक साल बाद आई बड़ी राहत
राजस्थान में अंग्रेजी मीडियम सरकारी स्कूलों की स्थापना और संचालन को लेकर महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूलों का नेटवर्क लगातार बढ़ रहा है। इन स्कूलों में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से पिछले वर्ष अगस्त में शिक्षकों और प्रिंसिपलों की चयन परीक्षा आयोजित की गई थी।
परीक्षा के आयोजन के बावजूद लंबे समय तक पदस्थापन प्रक्रिया रुकी हुई थी, जिससे चयनित अभ्यर्थी और स्कूल दोनों असमंजस में थे। अब जब 1 जुलाई 2025 से नया शैक्षणिक सत्र प्रारंभ होने जा रहा है, तब जाकर शिक्षा विभाग ने तेजी दिखाते हुए प्रिंसिपल पद के लिए चयनित अभ्यर्थियों की अंतिम नियुक्ति सूची जारी कर दी है।
इससे महात्मा गांधी स्कूलों में शैक्षणिक माहौल बेहतर बनाने की उम्मीद की जा रही है।
शाला दर्पण पोर्टल पर पूरा हुआ विकल्प भरने का कार्य
शिक्षा विभाग ने निर्देश जारी करते हुए 29 जून 2025 की शाम 5 बजे तक सभी चयनित अभ्यर्थियों को शाला दर्पण पोर्टल पर लॉगिन कर एक जिला विकल्प भरने का निर्देश दिया था। इस प्रक्रिया के बाद प्रदेशभर के विभिन्न जिलों में 380 प्रिंसिपल की पदस्थापना सुनिश्चित की गई है।
विभाग की ओर से कहा गया कि यह प्रक्रिया पारदर्शी और मेरिट के आधार पर पूरी की गई है।मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देश पर तेजी आई प्रक्रिया में पारदर्शी और मेरिट के आधार पर पूरी की गई है।
राज्य सरकार ने महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूलों को शिक्षा का आदर्श मॉडल बनाने का लक्ष्य रखा है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देशों पर शिक्षा विभाग ने पदस्थापन प्रक्रिया को प्राथमिकता दी और घोषणा की कि सभी मौजूदा स्कूलों का संचालन सत्र 2025-26 में भी जारी रहेगा। इससे यह स्पष्ट संकेत मिला कि सरकार इन स्कूलों को लेकर गंभीर है और चाहती है कि इनमें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का विस्तार हो।
शिक्षकों की भी नियुक्ति जल्द
प्रिंसिपल की पदस्थापन के बाद अब नजर व्याख्याताओं और अन्य विषय शिक्षकों की नियुक्तियों पर है। शिक्षा विभाग ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि सत्र शुरू होने से पहले सभी महत्त्वपूर्ण शैक्षणिक पदों को भरने का लक्ष्य रखा गया है।
विभाग का कहना है कि शिक्षक और प्रिंसिपल दोनों की समय पर नियुक्ति से न केवल विद्यार्थियों को लाभ होगा, बल्कि स्कूलों का संचालन भी सुनियोजित ढंग से हो पाएगा।
गुणवत्ता शिक्षा की दिशा में एक अहम कदम
महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई के साथ-साथ भारतीय मूल्यों और संस्कारों को बनाए रखने की कोशिश की जाती है। ऐसे में प्रिंसिपल की भूमिका बेहद अहम होती है। नई नियुक्तियों से अब इन स्कूलों को प्रभावशाली प्रशासनिक नेतृत्व मिलेगा, जो विद्यार्थियों की अकादमिक सफलता और समग्र विकास में योगदान देगा।
नव नियुक्त प्रिंसिपलों से अपेक्षाएं
शिक्षा विभाग ने नव नियुक्त प्रिंसिपलों से यह अपेक्षा जताई है कि वे न केवल शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार लाएंगे, बल्कि स्कूलों में अनुशासन, नवाचार और परिणामों में सुधार की दिशा में भी कार्य करेंगे।
इसके साथ ही विभाग ने यह भी संकेत दिए हैं कि भविष्य में स्कूलों की ग्रेडिंग और प्रिंसिपल की परफॉर्मेंस के आधार पर पदोन्नति और अन्य सुविधाओं की व्यवस्था भी की जा सकती है।
राज्य सरकार की शिक्षा नीति
महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूलों को नए प्रिंसिपल मिलने से राज्य सरकार की शिक्षा नीति को एक नया बल मिला है। यह न केवल चयनित अभ्यर्थियों के लिए करियर की शुरुआत है, बल्कि स्कूलों में अध्ययनरत हजारों विद्यार्थियों के भविष्य को आकार देने का अवसर भी है।
सरकार और शिक्षा विभाग की यह पहल राज्य में अंग्रेजी माध्यम शिक्षा की गुणवत्ता को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।