Air India फ्लाइट 5 घंटे तक मुंबई एयरपोर्ट पर फंसी, बैंकॉक जाने वाले यात्री परेशान — DGCA ने शुरू की जांच

मुम्बई हवाई अड्डे पर 25 जून 2025 को एयर इंडिया की बैंकॉक जाने वाली उड़ान संख्या AI 2354 में उस समय अप्रत्याशित देरी हो गई जब विमान के एक पंख के नीचे घास फंसी हुई पाई गई। यह घटना उस समय सामने आई है जब भारत का

EDITED BY: Kamlesh Sharma

UPDATED: Friday, June 27, 2025

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मुम्बई हवाई अड्डे पर 25 जून 2025 को एयर इंडिया की बैंकॉक जाने वाली उड़ान संख्या AI 2354 में उस समय अप्रत्याशित देरी हो गई जब विमान के एक पंख के नीचे घास फंसी हुई पाई गई।

यह घटना उस समय सामने आई है जब भारत का विमानन नियामक, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA), देशभर के प्रमुख हवाई अड्डों और एयरलाइनों की सुरक्षा और संचालन पर पहले से ही सख्त निगरानी रखे हुए है।


तकनीकी खामी नहीं, लेकिन सुरक्षा में लापरवाही की आशंका


घटनाक्रम के अनुसार, एयरबस A320 नियो विमान को सुबह 7:45 बजे मुंबई से उड़ान भरनी थी, लेकिन विमान के निरीक्षण के दौरान उसके बाएं पंख के नीचे घास फंसी मिली। यह दृश्य केवल असामान्य ही नहीं था

बल्कि संभावित रूप से सुरक्षा के लिहाज़ से गंभीर भी माना गया। एयर इंडिया ने इस पर तत्काल संज्ञान लेते हुए विमान को रोक दिया और सभी आवश्यक जांचें पूरी होने के बाद ही उड़ान को आगे बढ़ाने की अनुमति दी। हालांकि, इस घटना में कोई तकनीकी खराबी नहीं पाई गई

लेकिन यह जरूर सवाल खड़ा करता है कि विमान की ग्राउंड हैंडलिंग और पार्किंग प्रक्रिया के दौरान इतनी लापरवाही कैसे हुई। विमान में घास का फंसा मिलना इस ओर इशारा करता है कि हवाईअड्डे के रैम्प और रनवे क्षेत्रों की सफाई व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता है।


क्रू ड्यूटी सीमा बनी उड़ान में देरी की वजह


विमान की उड़ान में देरी केवल घास मिलने की वजह से नहीं हुई, बल्कि इसकी वजह से उड़ान दल के ड्यूटी समय की सीमा समाप्त हो गई। नियमों के अनुसार, पायलट और चालक दल को एक निश्चित अवधि तक ही कार्य करने की अनुमति होती है, ताकि वे पर्याप्त विश्राम के साथ विमान का संचालन कर सकें।

ऐसे में जब देरी लंबी हो गई तो नया क्रू बुलाने की आवश्यकता पड़ी। जब तक नया उड़ान दल रिपोर्ट नहीं करता, तब तक यात्रियों को विमान से उतार दिया गया और एयरलाइन ने उन्हें जलपान की सुविधा दी। अंततः, दोपहर लगभग 1 बजे विमान ने बैंकॉक के लिए उड़ान भरी, जिससे कुल मिलाकर उड़ान में 5 घंटे से अधिक की देरी हुई।


एयर इंडिया ने मांगी रिपोर्ट, DGCA को दी जानकारी


एयर इंडिया ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा है कि विमान के संचालन से पहले की आवश्यक जांच के दौरान यह स्थिति सामने आई और सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए विमान को रोका गया। एयरलाइन ने मुंबई हवाई अड्डे पर विमान की ग्राउंड हैंडलिंग करने वाले सेवा प्रदाता से मामले की विस्तृत जांच रिपोर्ट मांगी है।

इसके साथ ही DGCA को भी इस घटना की सूचना दे दी गई है। हालांकि एयर इंडिया ने इस घटना से जुड़ी कई अहम जानकारियां साझा नहीं कीं, जैसे कि विमान में सवार यात्रियों की संख्या, चालक दल का विवरण, विमान का प्रकार, और यात्रियों को कितनी देर तक विमान में या बाहर इंतजार करना पड़ा।


DGCA की निगरानी में बढ़ी सख्ती, पहले भी सामने आ चुके हैं उल्लंघन


यह घटना ऐसे समय में हुई है जब नागरिक उड्डयन महानिदेशालय पहले से ही कई प्रमुख हवाई अड्डों और एयरलाइनों की निगरानी बढ़ा चुका है। DGCA ने हाल ही में उड़ान संचालन, एयर ट्रैफिक कंट्रोल, विमान रखरखाव, संचार-नेविगेशन प्रणाली और फ्लाइट क्रू के पूर्व-मेडिकल मूल्यांकन जैसे कई बिंदुओं पर जांच की है।

नियामक ने अपनी हालिया रिपोर्ट में यह भी संकेत दिया था कि निरीक्षण के दौरान एयरलाइनों और हवाई अड्डा प्रबंधन में कई तरह की खामियां पाई गई हैं। हालांकि इन रिपोर्ट्स में किसी भी एयरलाइन या संस्था का नाम नहीं लिया गया था, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि एयर इंडिया और कुछ अन्य कंपनियों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

गौरतलब है कि यह घटना अहमदाबाद हवाई अड्डे पर 12 जून को हुई एक दुर्घटना के दो सप्ताह के भीतर सामने आई है, जिसमें एयर इंडिया के एक विमान को रनवे से उतरने के बाद नुकसान हुआ था। इन घटनाओं ने देश में विमानन सुरक्षा को लेकर एक बार फिर चिंता पैदा कर दी है।


यात्रियों की बढ़ती नाराजगी और एयरलाइन पर सवाल


फ्लाइट AI 2354 की इस देरी को लेकर यात्रियों में नाराजगी देखी गई। सोशल मीडिया पर कई लोगों ने एयर इंडिया की सुरक्षा प्रक्रियाओं और संचालन व्यवस्था पर सवाल उठाए। खासतौर पर तब, जब एयर इंडिया टाटा समूह के अधीन होने के बाद सुधार और वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए खुद को बेहतर करने के प्रयास कर रही है।

इस घटना से स्पष्ट है कि भले ही एयरलाइन सुरक्षा के प्रति सजग हो, लेकिन यदि ग्राउंड स्तर पर खामियां बनी रहती हैं तो ऐसी घटनाएं यात्रियों के विश्वास को प्रभावित कर सकती हैं। साथ ही, DGCA की सख्त निगरानी और रिपोर्टिंग की यह व्यवस्था केवल एक चेतावनी नहीं, बल्कि भारतीय विमानन व्यवस्था के लिए एक अवसर भी है — ताकि उसे अधिक सुरक्षित, पारदर्शी और विश्वसनीय बनाया जा सके।