सांप को बैग में डालकर पहुंचा युवक अस्पताल: जयपुर में दिल दहला देने वाली बहादुरी, डॉक्टर भी रह गए हैरान

राजधानी जयपुर के प्रतापनगर क्षेत्र में हाल ही में एक ऐसी अनोखी घटना सामने आई जिसने अस्पताल के स्टाफ से लेकर सोशल मीडिया यूज़र्स तक को हैरान कर दिया। आमतौर पर जब किसी को सांप काट लेता है तो वह घबराहट में अस्पताल पहुंचता है और सांप

EDITED BY: Kamlesh Sharma

UPDATED: Thursday, June 26, 2025

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राजधानी जयपुर के प्रतापनगर क्षेत्र में हाल ही में एक ऐसी अनोखी घटना सामने आई जिसने अस्पताल के स्टाफ से लेकर सोशल मीडिया यूज़र्स तक को हैरान कर दिया। आमतौर पर जब किसी को सांप काट लेता है

तो वह घबराहट में अस्पताल पहुंचता है और सांप को देखने की हिम्मत तक नहीं करता, लेकिन इस युवक ने जो किया, वह लोगों के लिए चौंकाने वाला था। इस घटना ने एक बार फिर दिखाया कि संकट की घड़ी में इंसान किस हद तक साहसिक या कभी-कभी लापरवाह भी हो सकता है।

युवक न सिर्फ खुद सांप के काटने के बाद अस्पताल पहुंचा, बल्कि उसे बैग में बंद करके साथ भी ले आया।


सांप को पकड़कर बैग में डाला, फिर अस्पताल की राह पकड़ी


घटना प्रतापनगर क्षेत्र की है, जहां एक युवक को सांप ने काट लिया। लेकिन युवक ने डरने की बजाय हिम्मत दिखाई और सांप को पकड़कर एक बैग में बंद कर दिया। इसके बाद वह सीधे आरयूएचएस (RUHS) हॉस्पिटल के इमरजेंसी वार्ड में इलाज के लिए पहुंचा।

अस्पताल स्टाफ के मुताबिक युवक सामान्य रूप से इमरजेंसी वार्ड में आया और कहा कि उसे सांप ने काट लिया है। डॉक्टर जांच शुरू ही करने वाले थे कि युवक ने एक वाक्य बोलकर सबको चौंका दिया— “मैं सांप को भी साथ लाया हूं।” यह सुनते ही डॉक्टरों, नर्सों और आसपास मौजूद मरीजों में हलचल मच गई।


इमरजेंसी वार्ड में मचा हड़कंप, मरीज भागे, वीडियो बनने लगे


जैसे ही युवक ने बताया कि वह सांप को बैग में लाया है, उसे तुरंत अस्पताल के पोर्च एरिया में ले जाया गया। वहां उसने बैग खोला और सांप को दिखा दिया। कुछ मरीज डर के कारण पीछे हट गए तो कई लोगों ने अपने मोबाइल कैमरे ऑन कर दिए और वीडियो बनाने लगे।

सोशल मीडिया पर यह वीडियो अब तेजी से वायरल हो रहा है। वहीं हॉस्पिटल के सुरक्षाकर्मियों ने स्थिति को तुरंत संभालते हुए युवक और उसके साथी को परिसर से दूर किया और सांप को सुरक्षित स्थान पर छुड़वा दिया गया। गनीमत रही कि सांप ने किसी और को नुकसान नहीं पहुंचाया।


इलाज के बाद दी समझाइश, कहा— अगली बार ऐसा न करें


युवक को दो दिन तक अस्पताल में भर्ती रखा गया और उसका इलाज जारी रहा। तीसरे दिन जब उसे छुट्टी दी गई, तो डॉक्टरों ने उसे सख्त समझाइश दी। चिकित्सकों ने कहा कि अस्पताल जैसे सार्वजनिक और संवेदनशील स्थान पर जहरीले जीव को लाना बेहद गैर-जिम्मेदाराना कदम है।

इससे मरीजों और स्टाफ की जान खतरे में पड़ सकती है। डॉक्टरों का कहना है कि युवक की हिम्मत सराहनीय हो सकती है, लेकिन तरीका बिल्कुल गलत था। भविष्य में अगर कोई व्यक्ति ऐसी गलती दोहराता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की सिफारिश की जाएगी।


आरयूएचएस प्रशासन ने उठाए कदम, नए दिशा-निर्देश लागू होंगे


इस घटना के बाद आरयूएचएस प्रशासन ने इसे गंभीरता से लिया है और भविष्य में इस तरह की परिस्थितियों से निपटने के लिए सुरक्षा दिशा-निर्देश तय करने की घोषणा की है। अस्पताल प्रबंधन अब इमरजेंसी विभाग के स्टाफ को विषैले जीवों से जुड़े संभावित मामलों को संभालने के लिए विशेष प्रशिक्षण देने की योजना बना रहा है।

साथ ही अस्पताल प्रबंधन ने यह भी बताया कि जिस सांप को युवक लेकर आया था, उसकी प्रजाति की जांच करवाई जा रही है ताकि पता लगाया जा सके कि वह विषैला था या नहीं। प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार वह हल्का ज़हरीला सांप हो सकता है, लेकिन इससे जान का खतरा बना रहता है।


साहस या लापरवाही? सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस


इस घटना का वीडियो सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर भी तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कुछ लोग युवक की हिम्मत की तारीफ कर रहे हैं तो कुछ इसे बेहद खतरनाक और मूर्खतापूर्ण बता रहे हैं।

वहीं कई यूजर्स ने यह सवाल भी उठाया है कि कहीं युवक ने यह सब सोशल मीडिया पर वायरल होने के लिए तो नहीं किया। हालांकि अस्पताल प्रशासन का कहना है कि युवक की नीयत में कोई बुराई नहीं थी, लेकिन उसने जो किया वह किसी भी स्थिति में सही नहीं कहा जा सकता।


साहस की भी होनी चाहिए सीमाएं


जयपुर की यह घटना जहां एक ओर आम लोगों में हिम्मत का उदाहरण बन रही है, वहीं इससे यह भी साफ होता है कि संकट की घड़ी में समझदारी और जिम्मेदारी दोनों जरूरी हैं। सांप को अस्पताल लाने जैसा कदम न केवल दूसरों की सुरक्षा को खतरे में डालता है, बल्कि खुद को भी मुश्किल में डाल सकता है।

भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए जागरूकता और सही प्रक्रिया का पालन बेहद जरूरी है। अस्पताल जैसी जगहों पर सुरक्षा और सतर्कता में किसी भी तरह की चूक की गुंजाइश नहीं होनी चाहिए।