कानोता थाना क्षेत्र में एक दिल दहला देने वाली वारदात सामने आई है। मंडोडा की ढाणी ग्राम ड्योडा चौड़ इलाके में 70 वर्षीय वृद्धा रुक्मा देवी के ऊपर आधी रात के समय कुल्हाड़ी से जानलेवा हमला किया गया।
इस हमले में महिला बुरी तरह घायल हो गई, जिसे गंभीर हालत में एसएमएस अस्पताल में भर्ती कराया गया। जांच में जो खुलासा हुआ, उसने सभी को चौंका दिया— महिला पर हमला किसी बाहरी व्यक्ति ने नहीं, बल्कि उसके ही बेटे केलीराम मीणा ने किया था।
रात एक बजे हुई थी घटना, पुलिस हुई सक्रिय
घटना की जानकारी 25 जून की रात करीब एक बजे थाना कानोता को दी गई थी। सूचना मिलते ही सहायक पुलिस आयुक्त बस्सी विनय कुमार डीएच और कानोता थानाधिकारी हिम्मत सिंह मौके पर पहुंचे। घायल महिला के दूसरे बेटे गेंदीलाल मीणा ने पुलिस को बताया कि अज्ञात व्यक्ति ने उनकी मां के चेहरे पर कुल्हाड़ी से वार किया और वो गंभीर रूप से घायल हो गईं।
उन्हें तुरंत इलाज के लिए एसएमएस अस्पताल लाया गया। लेकिन शुरुआती बयानों में ही पुलिस को कुछ संदेह हुआ, क्योंकि घटनास्थल से ना तो जबरन प्रवेश के कोई निशान मिले, ना ही किसी बाहरी व्यक्ति की मौजूदगी के सबूत। इसके बाद पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एक विशेष जांच टीम का गठन किया।
पुलिस की टीम ने 24 घंटे में किया खुलासा
जयपुर पूर्व की पुलिस उपायुक्त तेजस्विनी गौतम के निर्देशन में बनी इस टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और परिवार के सभी सदस्यों से पूछताछ शुरू की। महिला का बेटा केलीराम बार-बार बयानों में बदलाव करता रहा, जिससे पुलिस का शक उस पर गहराता गया।
जब उससे सख्ती से पूछताछ की गई तो उसने कबूल कर लिया कि उसी ने अपनी मां के चेहरे पर कुल्हाड़ी से हमला किया था। उसने बताया कि उसके और उसकी मां के बीच पैतृक जमीन को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था। मां संपत्ति किसी और बेटे के नाम करने जा रही थीं, जिससे नाराज होकर उसने यह खौफनाक कदम उठाया।
घटना की रात का सच आया सामने
घटना की रात केलीराम और उसका भाई अपनी मां के साथ घर में थे। पूछताछ में केलीराम ने बताया कि उसकी मां को सोते समय हमला करने का प्लान था, लेकिन मौका नहीं मिला। जब महिला देर रात शौच के लिए बाहर गई, तब उसने उस पर कुल्हाड़ी से ताबड़तोड़ वार कर दिया।
महिला की चीखें सुनकर अन्य परिजन दौड़े और उसे खून से लथपथ हालत में देखा। केलीराम ने बचाव का नाटक करते हुए पहले खुद को मासूम बताया, लेकिन फॉरेंसिक टीम और एफएसएल रिपोर्ट ने उसे घेर लिया। उसके कपड़ों पर खून के धब्बे और हाथों पर खरोंच के निशान थे।
पुलिस की सतर्कता से बच गई महिला की जान
पुलिस की तत्परता से घायल महिला को समय पर अस्पताल पहुंचाया गया, जिससे उसकी जान बच पाई। एसएमएस अस्पताल में उसका इलाज जारी है। वहीं आरोपी बेटे को गिरफ्तार कर लिया गया है। गिरफ्तार किए गए अभियुक्त की पहचान केलीराम पुत्र रामकरण मीणा (27) के रूप में हुई है।
पुलिस की मुस्तैदी से खुला पारिवारिक हिंसा का सच
इस केस ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि पारिवारिक विवाद जब चरम पर पहुंचते हैं तो रिश्ते भी हिंसा में बदल जाते हैं। जमीन-जायदाद जैसे विवाद कभी-कभी खून तक पहुंच जाते हैं।
जयपुर पुलिस की सक्रियता और फॉरेंसिक टीम की तत्परता से एक गंभीर अपराध का जल्दी खुलासा हो सका और एक महिला की जान बचाई जा सकी। आरोपी को अब उसके अपराध की सजा मिल सकेगी।