तेज प्रताप यादव की नई राजनीतिक चाल: सपा में एंट्री की अटकलें, बिहार चुनाव 2025 में नया दांव?

राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के पूर्व नेता और लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव एक बार फिर राजनीतिक चर्चाओं में हैं। इस बार वजह है समाजवादी पार्टी (सपा) में उनकी संभावित एंट्री। तेज प्रताप यादव, जो अब अपने परिवार और पार्टी से अलग-थलग पड़

EDITED BY: Kamlesh Sharma

UPDATED: Thursday, June 26, 2025

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राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के पूर्व नेता और लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव एक बार फिर राजनीतिक चर्चाओं में हैं। इस बार वजह है समाजवादी पार्टी (सपा) में उनकी संभावित एंट्री। तेज प्रताप यादव, जो अब अपने परिवार और पार्टी से अलग-थलग पड़ चुके हैं, जल्द ही सपा की सदस्यता ग्रहण कर सकते हैं।

माना जा रहा है कि वे आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में सपा के टिकट पर मैदान में उतर सकते हैं। हाल ही में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ उनकी वीडियो कॉल पर हुई बातचीत ने इन अटकलों को और हवा दे दी है।


तेज प्रताप यादव का नया सियासी झुकाव


तेज प्रताप यादव हाल के दिनों में आरजेडी से दूरी बनाते नज़र आए हैं। उनका पार्टी और परिवार से अलग होना तब सार्वजनिक हुआ जब अनुष्का यादव नाम की एक युवती के साथ उनके रिश्तों को लेकर विवाद सामने आया।

इसके बाद तेज प्रताप ने खुद को पार्टी गतिविधियों से अलग कर लिया और स्वतंत्र रूप से जनसम्पर्क व बैठकों में हिस्सा लेने लगे। उन्होंने सोशल मीडिया पर कई बार लिखा कि जनता का प्यार ही उनकी असली ताकत है और वह अब नई दिशा में आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं।


अखिलेश यादव से वीडियो कॉल पर चर्चा, सियासी संकेत स्पष्ट


तेज प्रताप यादव और अखिलेश यादव की हालिया वीडियो कॉल ने इस पूरे घटनाक्रम को और रोमांचक बना दिया है। तेज प्रताप ने इस बातचीत को अपने सोशल मीडिया पर साझा करते हुए लिखा कि अखिलेश यादव उनके परिवार के सबसे करीबी सदस्यों में से हैं और जब वे उनका हालचाल जानने के लिए कॉल पर आए, तो उन्हें यह एहसास हुआ कि वे इस राजनीतिक लड़ाई में अकेले नहीं हैं।

बातचीत के दौरान अखिलेश यादव ने तेज प्रताप से सीधे सवाल पूछा — “चुनाव कहां से लड़ोगे?” तेज प्रताप ने जवाब में कहा कि अभी तय नहीं किया है लेकिन लखनऊ आकर चर्चा करेंगे। उन्होंने यह भी जोड़ा कि जब भी लखनऊ आएंगे, दो-तीन दिन पहले सूचित कर देंगे।

इस बातचीत के दौरान अखिलेश यादव ने सपा के कुछ पदाधिकारियों से भी तेज प्रताप की मुलाकात कराई, जिससे यह संकेत और मजबूत हो गया कि पार्टी तेज प्रताप यादव को अपने साथ लाने की तैयारी कर रही है।


सपा की रणनीति और बिहार में संभावनाएं


समाजवादी पार्टी बिहार में अपनी राजनीतिक ज़मीन तलाश रही है। इसी क्रम में पार्टी सांसद अफजाल अंसारी ने कुछ दिन पहले पटना में जाकर तेजस्वी यादव से मुलाकात की थी। बताया जा रहा है कि इस बैठक में सपा ने 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन का घटक दल बनकर उतरने की इच्छा जताई।

लेकिन तेज प्रताप यादव के आरजेडी से अलग होने के बाद सपा को एक ऐसा चेहरा मिल सकता है जो लोकप्रिय भी है और चर्चा में भी। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यदि तेज प्रताप यादव सपा के सिंबल पर चुनाव लड़ते हैं, तो पार्टी को बिहार में एक जाना-पहचाना नाम मिल जाएगा और उसे अपने विस्तार की नई दिशा मिल सकती है।

तेज प्रताप यादव का युवाओं के बीच भी एक खास प्रभाव है, और सोशल मीडिया पर उनकी उपस्थिति इस रणनीति को और मजबूती दे सकती है।


तेज प्रताप यादव की अब तक की स्थिति और बयान


हालांकि तेज प्रताप यादव ने कुछ समय पहले एक इंटरव्यू में कहा था कि चुनाव लड़ने के लिए न तो पार्टी बनाने की जरूरत है, और न ही किसी पार्टी के सिंबल की। वे स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में भी चुनाव लड़ सकते हैं।

लेकिन अखिलेश यादव से हुई बातचीत और सपा के पदाधिकारियों के साथ दिखी नज़दीकियों से लगता है कि वह अब किसी ठोस राजनीतिक मंच की ओर बढ़ने के मूड में हैं


लालू और मुलायम की दोस्ती से अखिलेश और तेज प्रताप की सियासी साझेदारी तक?


लालू प्रसाद यादव और मुलायम सिंह यादव एक ही दौर के कद्दावर नेता रहे हैं, जिनकी पहचान समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष राजनीति की मजबूत आवाज के रूप में होती रही है। वर्ष 2015 के बिहार चुनाव में जब नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव साथ आए थे, तब उसमें मुलायम सिंह यादव की अहम भूमिका मानी गई थी।

इसके अलावा, पारिवारिक संबंधों की बात करें तो लालू यादव की बेटी की शादी, मुलायम सिंह यादव के पोते तेज प्रताप सिंह से हुई है, जिससे दोनों परिवारों के बीच एक गहरा संबंध भी बना हुआ है। अब जब मुलायम सिंह यादव इस दुनिया में नहीं हैं, तो उनके बेटे अखिलेश यादव सपा की बागडोर संभाल रहे हैं।

उन्होंने बार-बार यह जताया है कि लालू परिवार से उनके रिश्ते सिर्फ राजनीतिक नहीं, बल्कि पारिवारिक भी हैं। ऐसे में तेज प्रताप यादव का सपा में शामिल होना एक स्वाभाविक घटनाक्रम के तौर पर देखा जा सकता है।


नई राह, नया मंच और नई राजनीति की ओर तेज प्रताप


तेज प्रताप यादव एक ऐसे नेता हैं जो अक्सर चर्चा में रहते हैं, कभी अपने बयानों के कारण, तो कभी अपने राजनीतिक तेवरों की वजह से। अब जब वे आरजेडी और अपने परिवार से अलग-थलग हो गए हैं, तो उनकी नई राजनीतिक पारी की शुरुआत सपा के साथ हो सकती है।

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 इस बदलाव का साक्षी बन सकता है। राजनीतिक हलकों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या तेज प्रताप यादव समाजवादी पार्टी की ओर से चुनावी रण में उतरेंगे, और अगर हां, तो यह कदम बिहार की राजनीति को किस दिशा में ले जाएगा।