खाटूश्यामजी मंदिर को मिलेगा कॉरिडोर! दिया कुमारी के दौरे से सीकर में धार्मिक और सियासी हलचल तेज

देशभर में आपातकाल की 50वीं बरसी पर भारतीय जनता पार्टी ‘काला दिवस’ मना रही है। इसी कड़ी में राजस्थान की उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी बुधवार को जब सीकर के दौरे पर निकलीं, तो रास्ते में रींगस में उनका भव्य स्वागत किया गया। खंडेला विधायक सुभाष वीर के नेतृत्व

EDITED BY: Kamlesh Sharma

UPDATED: Wednesday, June 25, 2025

खाटूश्यामजी मंदिर


देशभर में आपातकाल की 50वीं बरसी पर भारतीय जनता पार्टी ‘काला दिवस’ मना रही है। इसी कड़ी में राजस्थान की उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी बुधवार को जब सीकर के दौरे पर निकलीं, तो रास्ते में रींगस में उनका भव्य स्वागत किया गया।

खंडेला विधायक सुभाष वीर के नेतृत्व में सैकड़ों भाजपा कार्यकर्ताओं ने उपमुख्यमंत्री का पुष्पवर्षा और ढोल-नगाड़ों के साथ जोरदार अभिनंदन किया। कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री ने मीडिया से संवाद करते हुए एक ओर जहां आपातकाल के काले अध्याय को याद किया, वहीं दूसरी ओर खाटूश्यामजी कॉरिडोर को लेकर राज्य और केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता भी दोहराई।


“लोकतंत्र का गला घोटने वाला दिन कभी नहीं भूलेगा हिंदुस्तान”


मीडिया से बातचीत के दौरान दिया कुमारी ने 25 जून 1975 को लागू किए गए आपातकाल को भारत के लोकतांत्रिक इतिहास का सबसे काला दिन बताया। उन्होंने कहा कि आज का दिन हम सभी के लिए चेतावनी है कि लोकतंत्र को कैसे कुचला जा सकता है।

उन्होंने कहा कि “आज से 50 साल पहले जो हुआ, वह देश के संविधान, प्रेस की स्वतंत्रता और आमजन के अधिकारों के विरुद्ध था। हम भाजपा कार्यकर्ता के रूप में इस दिन को ‘काला दिवस’ के रूप में इसलिए याद करते हैं ताकि आने वाली पीढ़ियां जान सकें कि लोकतंत्र को बनाए रखने के लिए किस कीमत पर संघर्ष करना पड़ा।”


बाबा श्याम की नगरी को मिलेगा नया स्वरूप


आपातकाल की चर्चा के बाद जब मीडिया ने खाटूश्यामजी के प्रस्तावित कॉरिडोर को लेकर सवाल किया, तो उपमुख्यमंत्री ने बताया कि यह परियोजना न केवल धार्मिक दृष्टि से, बल्कि पर्यटन और क्षेत्रीय विकास की दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।

उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार की ‘स्वदेश दर्शन योजना’ के तहत खाटूश्यामजी में जल्द ही कॉरिडोर का काम शुरू किया जाएगा। इस परियोजना को लेकर न केवल केंद्र सरकार से राशि प्राप्त हुई है, बल्कि राज्य सरकार भी इसमें समान योगदान दे रही है।


कॉरिडोर में आधुनिक सुविधाओं का समावेश


दिया कुमारी ने बताया कि खाटूश्यामजी का यह कॉरिडोर अयोध्या और काशी विश्वनाथ की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। यहां श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए डिजिटल म्यूजियम, कैफेटेरिया, फूड कोर्ट, भव्य कथा पांडाल, लाइट एंड साउंड शो, पार्किंग क्षेत्र और अन्य आधुनिक सुविधाएं विकसित की जाएंगी।

उन्होंने कहा कि इस परियोजना के पूरा होने से देशभर से आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को अत्यंत सुविधा होगी और खाटू यात्रा और भी व्यवस्थित व आकर्षक बन सकेगी।


बजट में 100 करोड़ की घोषणा, केंद्र से मिली 87.87 करोड़ की राशि


उपमुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि आगामी 10 जुलाई को प्रस्तुत होने वाले राजस्थान सरकार के पहले पूर्ण बजट में खाटूश्यामजी कॉरिडोर के लिए 100 करोड़ रुपये के व्यय की घोषणा की गई है। इसके अलावा केंद्र सरकार की ‘स्वदेश दर्शन 2.0 योजना’ के तहत 87.87 करोड़ रुपये की राशि पहले ही स्वीकृत की जा चुकी है।

परियोजना में सड़कों का चौड़ीकरण, चौराहों का विकास, पार्कों का निर्माण और सम्पूर्ण क्षेत्र का सौंदर्यीकरण शामिल है। उन्होंने आश्वासन दिया कि इस योजना से न केवल धार्मिक स्थल का कायाकल्प होगा, बल्कि स्थानीय रोजगार और व्यापार को भी नई गति मिलेगी।


स्थानीय विरोध बन रहा है चुनौती


हालांकि परियोजना को लेकर स्थानीय स्तर पर असंतोष भी उभरने लगा है। कई स्थानीय लोगों का कहना है कि इस विकास कार्य के चलते उन्हें अपनी जमीनें छोड़नी पड़ेंगी, जिससे उनका पारंपरिक जीवन और व्यवसाय प्रभावित होगा।

कुछ लोगों ने प्रशासनिक अधिकारियों से मिलकर इस योजना के खिलाफ आपत्ति भी दर्ज करवाई है। विरोध कर रहे नागरिकों का कहना है कि विकास जरूरी है, लेकिन इसके लिए लोगों की सहमति और न्यायपूर्ण पुनर्वास जरूरी होना चाहिए।

प्रशासन की ओर से इस विषय पर फिलहाल कोई स्पष्ट जवाब नहीं आया है, परंतु माना जा रहा है कि सरकार पुनर्वास नीति पर विचार कर रही है।


क्या होगी कायाकल्प की दिशा!


दिया कुमारी का सीकर दौरा एक साथ दो अहम संदेश लेकर आया—एक ओर भाजपा की राजनीतिक स्मृति और लोकतंत्र की चेतना, दूसरी ओर खाटूश्यामजी जैसे धार्मिक स्थल के विकास का भविष्य। यह स्पष्ट है कि राज्य सरकार केंद्र के सहयोग से धार्मिक पर्यटन को नई दिशा देना चाहती है।

हालांकि, किसी भी परियोजना की सफलता तभी सुनिश्चित होगी जब वह स्थानीय जनता के विश्वास और भागीदारी के साथ आगे बढ़े। अब देखना यह है कि इस धार्मिक स्थल का कायाकल्प किस गति और सहमति के साथ आगे बढ़ता है।