8th Pay Commission को लेकर बड़ा खुलासा! सैलरी में भारी उछाल तय

केंद्र सरकार के अधीन कार्यरत 44 लाख से ज्यादा कर्मचारी और 68 लाख से अधिक पेंशनर्स लंबे समय से 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के लागू होने का इंतजार कर रहे हैं। अब इस दिशा में एक महत्वपूर्ण रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें यह अनुमान लगाया

EDITED BY: Kamlesh Sharma

UPDATED: Friday, July 11, 2025

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केंद्र सरकार के अधीन कार्यरत 44 लाख से ज्यादा कर्मचारी और 68 लाख से अधिक पेंशनर्स लंबे समय से 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के लागू होने का इंतजार कर रहे हैं।

अब इस दिशा में एक महत्वपूर्ण रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें यह अनुमान लगाया गया है कि 8वें वेतन आयोग की सिफारिशों के बाद कर्मचारियों की सैलरी में करीब 34 प्रतिशत तक की जबरदस्त बढ़ोतरी हो सकती है।

ब्रोकरेज फर्म एम्बिट कैपिटल (Ambit Capital) की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर आयोग की प्रक्रिया सुचारू रूप से आगे बढ़ती है, तो इसका असर न केवल कर्मचारियों की आय पर पड़ेगा, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था भी रफ्तार पकड़ सकती है।


सैलरी बढ़ोतरी का गणित: क्या कहता है फिटमेंट फैक्टर?


वेतन आयोग के तहत कर्मचारियों की सैलरी में जो बदलाव होता है, वह सीधे तौर पर ‘फिटमेंट फैक्टर’ पर निर्भर करता है। 7वें वेतन आयोग में यह फैक्टर 2.57 रखा गया था, जिसकी वजह से न्यूनतम बेसिक सैलरी 7,000 रुपये से बढ़कर 18,000 रुपये हो गई थी।

हालांकि वास्तविक बढ़ोतरी केवल 14.3% थी, क्योंकि इसमें महंगाई भत्ते (DA) को समायोजित कर दिया गया था। अब 8वें वेतन आयोग को लेकर एम्बिट की रिपोर्ट का अनुमान है कि नया फिटमेंट फैक्टर 1.83 से लेकर 2.46 के बीच हो सकता है।

इसका सीधा अर्थ है कि कर्मचारियों की मौजूदा बेसिक सैलरी को इस मल्टीप्लायर से गुणा किया जाएगा, जिससे नई सैलरी तय होगी। यह प्रक्रिया हर स्तर के कर्मचारियों के वेतन ढांचे में सुधार लाएगी।


कब तक लागू होगी वेतन आयोग की सिफारिश?


हालांकि रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि फिलहाल 8वें वेतन आयोग के लिए सरकार की तरफ से कोई आधिकारिक अधिसूचना जारी नहीं हुई है। न ही अभी तक इसके लिए अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति हुई है।

इतना ही नहीं, आयोग के संदर्भ की शर्तें (Terms of Reference – ToR) भी तय नहीं हुई हैं। एम्बिट कैपिटल का मानना है कि अगर यह प्रक्रिया 2025 तक शुरू होती है, तो आयोग की सिफारिशें जनवरी 2026 से लागू की जा सकती हैं। लेकिन यदि प्रक्रिया में देरी होती है, तो 2027 के वित्तीय वर्ष तक सिफारिशों को लागू होते देखने की उम्मीद की जा सकती है।

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कर्मचारियों और पेंशनर्स दोनों को होगा फायदा


यह वेतन आयोग न केवल वर्तमान में कार्यरत कर्मचारियों को राहत देगा, बल्कि पेंशन पर निर्भर बुजुर्ग पेंशनर्स को भी सीधा लाभ देगा। हालांकि पेंशनभोगियों को हाउस रेंट अलाउंस (HRA) जैसे कुछ लाभ नहीं मिलते, लेकिन फिर भी उनकी बेसिक पेंशन और महंगाई भत्ते में इजाफा उन्हें वित्तीय मजबूती प्रदान करेगा।


कितना बढ़ेगा सरकार पर खर्च?


रिपोर्ट के अनुसार, अगर वेतन और पेंशन में 30-34% की वृद्धि होती है, तो इससे सरकार पर करीब 1.3 से 1.8 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। हालांकि इस बढ़ोतरी का प्रभाव अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक हो सकता है।

कर्मचारियों की आय बढ़ने से उपभोग में वृद्धि होगी, जिससे रिटेल, एफएमसीजी, ऑटोमोबाइल और बीएफएसआई जैसे क्षेत्रों में मांग बढ़ेगी। एम्बिट ने अनुमान लगाया है कि इस वेतन वृद्धि से देश की जीडीपी पर 30 से 50 बेसिस पॉइंट तक का असर पड़ सकता है, जो एक सकारात्मक आर्थिक संकेत है।


क्यों जरूरी होता है नया वेतन आयोग?


भारत सरकार हर 10 वर्षों में एक नया वेतन आयोग गठित करती है ताकि सरकारी सेवाओं को निजी क्षेत्र के मुकाबले प्रतिस्पर्धी बनाया जा सके। यह आयोग तय करता है कि मौजूदा वेतनमान को कैसे अद्यतन किया जाए, ताकि महंगाई, जीवन यापन की लागत और वित्तीय असमानताओं को ध्यान में रखते हुए सरकारी कर्मचारियों की आय में संतुलन बना रहे।

7वां वेतन आयोग 1 जनवरी 2016 से लागू किया गया था, जिसे लागू करने में 18-24 महीने लगे थे। इस आधार पर अगर 8वें वेतन आयोग की प्रक्रिया जल्द शुरू होती है, तो 2026 के शुरुआत में सिफारिशें लागू की जा सकती हैं।


अब क्या करें केंद्रीय कर्मचारी?


फिलहाल कर्मचारियों को इंतजार करना होगा कि सरकार कब आधिकारिक तौर पर 8वें वेतन आयोग के गठन की घोषणा करती है। विशेषज्ञों की राय है कि लोकसभा चुनाव 2024 के बाद सरकार इस दिशा में तेजी से कदम उठा सकती है, ताकि चुनावी लाभ भी मिल सके। ऐसे में आने वाले महीनों में वित्त मंत्रालय या कार्मिक विभाग की ओर से महत्वपूर्ण घोषणाएं हो सकती हैं।


पेंशनर्स में नई उम्मीद


8वें वेतन आयोग को लेकर एम्बिट कैपिटल की रिपोर्ट ने कर्मचारियों और पेंशनर्स में नई उम्मीद जगा दी है। यदि यह आयोग समय पर बनता है और सिफारिशें स्वीकार की जाती हैं, तो एक करोड़ से ज्यादा लोगों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। साथ ही देश की अर्थव्यवस्था को भी इससे नई ऊर्जा मिलेगी। अब सबकी नजर केंद्र सरकार की अगली चाल पर टिकी है।